प्रधानमंत्री मोदी ने की राजस्थान सरकार की योजनाओं की प्रशंसा, कहा, राजस्थान में फसल बीमा योजना पर पहुआ अच्छा काम

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान के देश का सबसे अग्रणी राज्य बना दिया हैं। मुख्यमंत्री राजे की योजनाओं की राजस्थान में ही नही राष्ट्रिय स्तर पर भी प्रशंसा मिल रही हैं। कुछ राज्यों ने राजस्थान सरकार की योजनाओं को अपनाया हैं तो कुछ राज्य राजस्थान के पदचिन्नहों पर चल रहे हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री राजे के प्रयासों का ही परिणाम हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बेहतर काम करने के लिए सराहना की हैं।

प्रदेश के 53 फीसदी किसान योजना से जूड़े

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के कुशल नेतृत्व में राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हुए बेहतर काम को सराहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान में 53 प्रतिशत किसानों को न्यूनतम प्रीमियम पर अधिकतम बीमा देने वाली इस योजना से जोड़ा गया है।

उत्तरप्रदेश में जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री ने की मुख्यमंत्री राजे की तारीफ

प्रधानमंत्री शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के बिजनौर में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में किसान कल्याण की इस  महत्वपूर्ण योजना में अन्य राज्यों से बेहतर काम हुआ है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 53 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 50 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 50 प्रतिशत किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं। जबकि उत्तरप्रदेश में मात्र 14 प्रतिशत किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जोड़ा गया है।

 

पहले भी प्रधानमंत्री कर चुके हैं राजस्थान सरकार की योजनाओं की प्रशंसा

आपकों बता दे कि नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले राजस्थान में संचालित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, वन महोत्सव कार्यक्रम सहित अन्य योजनाओं की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा कर चुके हैं।

क्या है यह योजना

योजना के अन्तर्गत किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

योजना में सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। अर्थात बचा हुआ प्रीमियम 90 प्रतिशत होता है, तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष प्रीमियम बीमा कंपनियों को सरकार द्वारा दिया जाएगा। ये राज्य तथा केंद्रीय सरकार में बराबर- बराबर बाँटा जाएगा। योजना की प्रीमियम दर बेहद कम रखी गई है ताकि किसान इसकी किस्तें आसानी से वहन कर सकें। योजना किसानों के हित के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से भी काम करेगी। प्रधानमंत्री फसल योजना के अंतर्गत किसान सिर्फ मोबाइल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारे में आंकलन कर सकता है।

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