फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ 27 जनवरी 2017 को जयपुर में जो कुछ हुआ, उसकी स्क्रिप्ट 310 किमी दूर चित्तौड़गढ़ में 33 दिन पहले यानी 24 दिसंबर 2016 को ही लिखी जा चुकी थी। भंसाली पर यह हमला पहले से तय था और इसका सूत्रधार और कोई नहीं, वही शेर सिंह राणा हैं, जो दस्यु सुंदरी से सांसद बनी फूलन देवी की हत्या के मामले में दोषी है। राणा ने माना कि जयपुर की घटना उन्हीं के इशारे पर करणी सेना ने अंजाम दी थी। राणा ने यह भी कहा कि भंसाली नहीं समझे, तो उनके साथ कुछ भी हो सकता है।
दरअसल, 24 दिसंबर 2016 को चित्तौड़गढ़ में भंसाली पर हमला करने वाली राजपूत करणी सेना ने जौहर स्वाभिमान समारोह आयोजित किया था। इसमें तिहाड़ से फरार होकर अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने का दावा करने वाले शेर सिंह राणा बतौर गेस्ट मौजूद थे। उनके साथ करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी, जयपुर राजघराने की सदस्य और विधायक दीया कुमारी सहित राजपूत समाज के कई बड़े चेहरे मंच पर थे। चित्तौड़ के सेंती स्थित उत्सव वाटिका में आयोजित इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए राणा ने कहा था- ‘पद्मावती फिल्म को लेकर मैंने मुंबई में प्रॉडयूसर से साफ कहा कि यदि फिल्म में कुछ भी गलत हुआ तो बर्दाश्त नहीं होगा। वे कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे,बल्कि सीधे मुंबई जाकर थप्पड़ लगाएंगे।’
चित्तौड़गढ़ में भंसाली की ‘पद्मावती’ पर क्या कहा था राणा ने
यदि फिल्म में रानी पद्मिनी और इतिहास से अलग कुछ आपत्तिजनक नहीं हुआ तो उसे नहीं रोका जाएगा। अगर रानी पद्मिनी का वास्तविक चरित्र दिखाया जाता है तो हम भंसाली का सम्मान करेंगे, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो उसको वहीं मुम्बई में जाकर चार झापड़ मारूंगा…।
हालांकि राणा ने ये भी कहा कि हम पहले स्टोरी देखेंगे, गड़बड़ हुई तो कानूनी रास्ता भी अपनाएंगे। बता दें इसी समारोह के आयोजक लोकेंद्रसिंह कालवी लगातार यह बयान दे रहे थे कि फिल्म पद्मावती बन भले जाए, उसे चलने नहीं दिया जाएगा।
यह हैं पूरा मामला, हमला हुआ लेकिन नही की पुलिस में रिपोर्ट
फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर जयपुर में ‘पद्मावती’ मूवी के सेट पर हमला हुआ है। स्थानीय संगठन करणी सेना के सदस्यों ने उन्हें चांटा मार दिया और उनके कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद फिल्म की शूटिंग भी रोक दी। बताया जा रहा था कि करणी सेना के सदस्य फिल्म में कथित तौर पर तथ्यों से छेड़छाड़ किए जाने पर भंसाली से नाराज थे। उनका आरोप है कि फिल्म में पद्मावती को गलत रूप में पेश किया जा रहा है। फिल्म की शूटिंग जयगढ़ फोर्ट में हो रही थी। इसी दौरान राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए वहां आए और सेट पर तोड़फोड़ कर दी। उन्होंने भंसाली से बदसलूकी की और मारपीट की। इसके दौरान भंसाली के कपड़े फट गए। उनकी कुर्सी भी छीन ली गई। इस पूरे मामले के बाद भी भंसाली की और से किसी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नही की।