राजस्थान में पिछले साढ़े चार साल में बीजेपी सरकार के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक विकास कार्यों, नवाचारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की है जो देश में अन्यत्र कहीं भी नहीं चल रही है। इन योजनाओं ने न केवल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत बदली है बल्कि देश-दुनिया को भी ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। Niti Aayog
राजे सरकार का मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान हर तरफ से सराहना प्राप्त कर रहा है। इस योजना ने प्रदेश में जल स्तर में वृद्धि होने में अहम भूमिका निभाई है। राजस्थान में पिछले चार साल से जल स्तर में निरंतर सुधार हो रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नीति आयोग की बैठक में भाग लेने नई दिल्ली पहुंची। बैठक में नीति आयोग ने राजस्थान सरकार की इन योजनाओं की जमकर तारीफ की। साथ ही अन्य राज्यों को भी राजस्थान के नवाचारों से सीख लेने की बात कही। Niti Aayog
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा: सीएम राजे Niti Aayog
मुख्यमंत्री राजे ने रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की शाषी परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में पेयजल की विकट समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए प्रदेश को विशेष अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता मुहैया कराए। Niti Aayog
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उन्होंने प्रदेश के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी की व्यवहार्यता रिपोर्ट को केन्द्रीय जल आयोग से सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने से इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी।
किसानों की वास्तविक संख्या के आधार पर मिले कृषि इनपुट सब्सिडी
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान में लगभग 8-10 जिले हर वर्ष सूखे की चपेट में रहते हैं। भारत सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी वर्ष 2010 के कृषि सर्वेक्षण में किसानों की संख्या के आधार पर कृषि इनपुट सब्सिडी की राशि का निर्धारण करती है। किसानों की वास्तविक संख्या से यह संख्या कम होने के कारण पूरी मदद नहीं मिल पाती है।
उन्होंने मांग की कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की वास्तविक संख्या और वास्तविक क्षेत्रफल के आधार पर मदद दी जानी चाहिए।
एसडीआरएफ मानदण्ड बढ़ाकर 5 हैक्टेयर किया जाये
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए अभी 2 हैक्टेयर की काश्त की अधिकतम सीमा है। राजस्थान में काश्त का आकार तो बड़ा है लेकिन ज्यादातर भूमि असिंचित अथवा बंजर है। उन्होंने यहां की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए एसडीआरएफ नॉर्म्स में बदलाव कर प्रति किसान काश्त की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 हैक्टेयर करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने जीएसटी परिषद के अंतर्गत राज्यों का एक समूह बनाने की बात रखी ताकि जीएसटी प्रणाली को लागू करने में सामने आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके। उन्होंने जीएसटी में रिफण्ड प्राप्त करने में व्यापारियों को आ रही परेशानियों को दूर करने की भी केन्द्र सरकार से मांग की।
मुख्यमंत्री ने गांधीजी के नाम पर पर्यावरण संरक्षण अभियान का दिया सुझाव
सीएम वसुंधरा राजे ने बैठक को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों के संबंध में सुझाव दिया कि उनके नाम पर राजस्थान के मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की तर्ज पर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में किए जा रहे प्रयासों से यह साफ हो गया है कि खादी को फैशन की दुनिया में एक अलग स्थान दिलाया जा सकता है। सीएम ने केन्द्र सरकार को गौशालाओं के लिए संस्थागत सहायता बढ़ाने का सुझाव भी दिया है।
सतही जलापूर्ति परियोजनाओं में केन्द्र सरकार की हो 50 फीसदी हिस्सेदारी
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि बैठक में कहा कि राजस्थान में पानी की कमी के साथ-साथ इसकी खराब गुणवत्ता भी बड़ी समस्या है। देश की फ्लोराइड प्रभावित आबादियों में से 53 प्रतिशत राजस्थान में हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में सतही जल आपूर्ति परियोजनाआें के लिए केन्द्र सरकार को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करना चाहिए।
मंडियों, उप मंडियों एवं पशुधन मंडियों के लिए केन्द्र से मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने कृषि में सुधार के लिए महत्वपूर्ण काम किए हैं जिसे देखते हुए नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राजस्थान को कृषि सुधारों के लिए तीसरे स्थान पर रखा है। उन्होंने प्रदेश में मंडियों, उप मंडियों एवं पशुधन मंडियों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने करीब 30 लाख किसानों के पचास हजार रुपए तक के ऋण माफ करने, किसान ऋण राहत आयोग का गठन करने, सहकारिता विभाग की ओर से दुर्घटना बीमा राशि पचास हजार से बढ़ाकर दस लाख रुपए करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के क्षेत्र में राजस्थान के सांचोर में किए जा रहे प्रयासों को अपनी रिपोर्ट में स्थान देने के लिए नीति आयोग को धन्यवाद दिया।