मेडिकल शिक्षा में अभूतपूर्व तरक्की कर राजस्थान सरकार प्रदेश में इसी सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है। ये मेडिकल कॉलेज इसी सत्र 1 जुलाई से शुरू हो जायेंगे। राज्य के पाली, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर व चूरू ज़िलों में ये नए चिकित्सकीय संस्थान शुरू होने जा रहे है। राज्य में मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर चल रहे असमंजस को ख़त्म करते हुए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने साफ और स्पष्ट रूप से बताया कि पूरी तरह से तैयार ये पाँचों कॉलेज हर स्थिति में इसी सत्र से शुरू होंगे। सरकार राज्य को कुल आठ नए मेडिकल कॉलेज की सौगात देने जा रही है। इनमें से पांच इसी सत्र में व तीन अगले सत्र में शुरू हो जायेंगे।
बढ़ेगी 500 से ज़्यादा एमबीबीएस की सीट:
राज्य सरकार का यह कदम प्रदेश के उन होनहारों के लिए भविष्यनिर्माता होगा जो मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे है। पांच नए सरकारी महाविद्यालयों से यहाँ 500 से ज़्यादा एमबीबीएस सीट की बढ़ोतरी होगी। सरकार का यह कदम मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान में राज्य का नाम ऊंचा करने के साथ ही हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती देने का काम भी करेगा। इस समय राजस्थान में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज है। इनमें 1500 के करीब सीट है। 5 नए मेडिकल कॉलेज के खुलने से प्रदेश के विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिलेगा।
अभी चल रही है एमसीआई से वार्ता:
प्रदेश में सभी संसाधनों से युक्त इन मेडिकल शैक्षणिक संस्थानों को एमसीआई से मान्यता दिलाने के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। 5-7 दिन के अंदर मेडिकल काउन्सिल ऑफ़ इंडिया इन्हें स्वीकृत कर देगा। बेहतर तकनीक और सभी सुविधाओं से सज्जित इन संस्थानों में इस वर्ष नीट (मेडिकल में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा) की परीक्षा दे चुके राजस्थान के निवासी छात्र प्रवेश ले सकेंगे।
अगले वर्ष तक तीन और शुरू हो जायेंगे:
राज्य सरकार ने अपने पिछले चुनावी घोषणा पत्र में राज्य को आठ नए मेडिकल कॉलेज देने का वायदा किया था। सरकार ने आते ही इस पर बड़ी तेजी के साथ समुचित काम किया। आज आठों मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो चुके है। पांच में इसी सत्र से अध्यापन कार्य शुरू हो जायेगा, वहीँ सीकर, बाड़मेर व अलवर के अन्य तीन मेडिकल कॉलेज भी अगले साल तक पूरी तरह मान्यता प्राप्त कर अध्ययन के लिए शुरू हो जायेंगे। प्रदेश सरकार के इन निर्णयों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं अनिवार्य रूप से उन्नत होगी।