प्रदेश में मनचलों को अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, पुलिस वेरिफिकेशन के नियमों में हुआ बदलाव

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जयपुर। प्रदेश में बढत्रतें अपराध पर लगाम लगाने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने नया कानून बनाया है। क्योंकि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ लगातार बढ़तें ही जा रहे है। पूरे देश में अपराधिक मामले में राजस्थान पहले स्थान पर आ गया है। अब प्रदेश में महिलाओं से छेेड़ानी करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। मनचलों को सरकारी नौकरी से वंचित करने के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस सत्यापन के नियमों में बदलाव कर दिया है। नए नियम के तहत जिनके खिलाफ छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज है, जांच चल रही है या कोर्ट के आदेश पर सजा मिल चुकी है, ऐसे लोगों के पुलिस सत्यापन में उनके चरित्र का उल्लेख किया जाएगा।

सरकारी नौकरी के लिए पुलिस सत्यापन जरूरी
इसी सत्यापन के आधार पर सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि छेड़छाड़ करने वाले लोग सरकारी नौकरी नहीं पा सकें। गृह विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने इस संबंध में एक आदेश भी जारी कर दिया। माना जा रही है कि सरकार के इस फैसले अपराध कम होंगे।

मनचलों का रिकॉर्ड पुलिस थाने में रखा जाए
आदेश के मुताबिक- राज्य में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने से पूर्व पुलिस की ओर से चरित्र सत्यापन के प्रावधान है। ऐसे उम्मीदवारों को नियुक्ति का पात्र नहीं माना जाएगा है, जिस पर महिला हिंसा, हत्या, धोखाधड़ी, रेप, किसी महिला की लज्जा भंग करने के अपराध में शामिल होने के मामले पुलिस और कोर्ट में विचाराधीन हो या फिर उस पर दोष सिद्ध हो गया हो। इन लोगों का रिकॉर्ड पुलिस थाने में रखा जाए, ताकि ऐसे व्यक्तियों के चरित्र को पुलिस वेरिफिकेशन में मार्क किया जा सके।