काफी दिनों से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को टीम इंडिया के लिए चीफ कोच की तलाश कर रही थो जो कि आज पूरी हो गई है। टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी रवि शास्त्री को भारतीय टीम का चीफ कोच चुना गया है। शास्त्री दो साल तक टीम इंडिया के कोच पद की जिम्मेदारी संभालेंगे, उन्हे 2019 के विश्व कप तक के लिए चुना गया है। आपकों बतादें कि इससे पहले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी टॉम मूडी और भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का नाम भी हेड कोच की लिस्ट में था। रवि शास्त्री भारतीय टीम के कप्तान विरोट कोहली के मन पसंद बॉस भी कहे जाते हैं।
रवि शास्त्रि के रुप में सीएसी ने सुनाया अपना फैसला
बीसीसीआई ने पूर्व क्रिकेट्र सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली औऱ वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने कोच पद के लिए इंटरव्यु के बाद नाम की घोषणी नही की थी। सीएसी के सदस्य सौरव गांगुली ने कहा था कि कोच की नियुक्ती से पहले टीम के कप्तान विराट कोहली से चर्चा करनी जरूरी है और उसके बाद ही हेड कोच की घोषणी की जाएगी। हालांकि बीसीसीआई का काम देखने वाली प्रशासकों की समिति ने बोर्ड से टीम के कोच के नाम की घोषणा करने का दबाव बनाया जिसके बाद क्रिकेट सलाहकार समिति ने अपना फैसला रवि शास्त्री के रूप में सुनाया।
कोहली से चर्चा करने बाद होनी थी टीम के कोच की घोषणा
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कोच पद के लिए 5 आवेदको का इंटरव्यू लेने के बाद कहा था कि सभी सदस्यों ने कुछ समय के लिए कोच पद के नाम की घोषणा नही करने पर सहमति जताई है। उन्होने कहा कि अभी विश्वकप 2019 में बहुत वक्त है ऐसे में टीम के चीफ कोच की घोषणा करने में जल्दबाजी नही करेंगे। टीम के कप्तान विराट कोहली से भी टीम के हेड कोच की नियुक्ति के बारे में चर्चा कर इसकी घोषणा की जाएगी।
दरअसल, सीओए के अध्यक्ष विनोद राय हैं और इसके सदस्यों में विक्रम लिमिए और डायना इडुल्जी शामिल हैं। कोच की दौड़ में शास्त्री का नाम सबसे आगे माना जा रहा था। इसकी वजह कप्तान कोहली और शास्त्री के संबंध थे। कोहली, शास्त्री के पक्ष में खड़े थे।
अनिल कुंबले के बाद शास्त्री बने नए बॉस
आपकों बतादें कि पूर्व कोच अनिल कुंबले ने कप्तान कोहली से मतभेद की बात स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 18 जून को संपन्न हुए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी तक का था, बोर्ड ने विंडीज दौरे तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया था, लेकिन, कुंबले ने अचानक इस्तीफा दे दिया और विंडीज दौरे पर भारतीय टीम के साथ नहीं गए।