हॉट स्पॉट रामगंज में अब तारबंदी, ड्रोन से निगरानी, रजिस्टर में सबका रिकॉर्ड

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    जयपुर। राजस्थान के 25 जिलों तक पहुंच चुका है और मंगलवार रात संक्रमितों का आंकड़ा 1005 पर पहुंच गया। वहीं, राजधानी जयपुर हाई रिस्क (रेड) जोन की गिनती में शुमार हो गया है। जहां प्रदेश में सबसे ज्यादा 455 कोरोना संक्रमित सामने आए है। इनमें अकेले लगभग 400 केस जयपुर के परकोटे में स्थित रामगंज क्षेत्र से है। तेजी से बढ़ रहे आंकड़ों से माना जा रहा है कि रामगंज सोशल स्प्रेडिंग की बॉर्डर पर खड़ा है। कोरोना हॉट स्पॉट जोन बने रामगंज इलाके में हर गली, मोहल्ले और बाजार में ड्रोन से रोजाना निगरानी की जा रही है

    हर व्यक्ति और वाहन पर नजर, रजिस्टर में सबका रिकॉर्ड
    हॉट स्पॉट बने रामगंज की सबसे ज्यादा बड़ी चौपड़ से आवाजाही रहती है। ऐसे में यहां मजबूती से बेरिकेडिंग लगाकर नाकाबंदी की गई है। यहां मौजूद दो से तीन पुलिसकर्मी यहां से रामगंज आने जाने वाले हर व्यक्ति और वाहन को रोककर पूछताछ करते नजर आए। इसके अलावा नजदीक ही एक तंबू के नीचे बैठे दो पुलिसकर्मी एक रजिस्टर में इन लोगों का नाम, पता और वाहन संख्या, मोबाइल नंबर रिकॉर्ड करते नजर आए। यहीं, कुछ मजदूर माणकचौक थानाप्रभारी जितेंद्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में तारबंदी व बेरिकेडिंग के लिए काम करते नजर आए। रामगंज में मुख्य बाजार की सड़क पर इस तरह बेरिकेडिंग लगा दी है, ताकि किसी भी तरह आमजन की आवाजाही को रोक दिया जाए और संक्रमण ज्यादा ना फैलें।

    आवाजाही को रोकने के लिए लोहे की तारबंदी
    एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार रामगंज व माणकचौक इलाके में गलियों में आमजन की आवाजाही रोकने के लिए 13 अप्रेल की रात से ही लकड़ी के बेरिकेड्स लगाकर लोहे की तारबंदी का काम शुरु कर दिया गया था। यहां दो दो पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए है। मंगलवार को कोरोना जोन बने इस क्षेत्र में कई जगहों पर लोहे की तारबंदी नजर आई। पिछले 21 दिनों ऐसा पहली बार इसलिए किया गया है क्योंकि लॉक डाउन का उल्लंघन कर पब्लिक इन्हीं छोटे रास्तों व गलियों से बचकर परकोटे से बाहर भाग रहे थे। यह तारबंदी अहसास करवा रही थी कि रामगंज कोरोना वायरस की सोशल स्प्रेडिंग की बॉर्डर पर खड़ा है। यहां लगातार दो ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी रखी जा रही है।

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