स्वच्छ भारत अभियान से निखरा राजस्थान, जयपुर को देश भर में मिला 5वां स्थान

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Vasundhara raje

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान से राजस्थान सरकार ने अपनी योजनाओं को जोड़ कर प्रदेश की स्वच्छता के कार्य का संचालन सुनिश्चित रूप से किया हैं| सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के सफाई मिशन की और रुख करते हुए सफाई के महत्व को भलीप्रकार परिभाषित किया हैं| प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिनांक 18 जुलाई, 2014 को विधानसभा में राज्य को अगले 3 वर्षों में यानि-वर्ष 2017-18 तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त बनाने का संकल्प लिया था|

योजना के उददेश्‍य:

– ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना।

– वर्ष 2018 तक स्वच्छ राजस्थान का विज़न प्राप्त करने हेतु ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता कवरेज की गति       तेज़ करना और सभी ग्राम पंचायतों को निर्मल स्तर तक लाना।

-जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थाई स्वच्छता को बढ़ावा देकर, समुदाय को और पंचायती राज संस्थाओं को प्रेरित करना।

-पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित एवं स्थाई स्वच्छता के लिए लागत-प्रभावी संगत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।

– राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पूर्ण साफ-सफाई के लिए वैज्ञानिक ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, समुदाय-प्रबंधित प्रणालियों का विकास कराना।

Swacch Bharat Abhiyan

योजना के प्रावधान:

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय के निर्माण एवं उपयोग करने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में रूपये 12000/-(केन्द्र का अंश 60% यानि-रूपये 7200/- एवं राज्य सरकार का अंश 40%यानि-रूपये 4800/- इस प्रकार कुल-12000 रूपये) दिए जाने का प्रावधान है।

योजना लाभ के लिए पात्रताः

सभी बी.पी.एल. परिवार तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त किसान, वास भूमिवाले, भूमिहीन श्रमिक, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति और महिला मुखिया परिवार इसके पात्र है।

आवेदन की प्रक्रियाः

पात्र परिवारों के द्वारा शौचालय के निर्माण हेतु ग्राम पंचायत में आवेदन किया जाता है, जिसकी स्वीकृति सम्बन्धित विकास अधिकारी द्वारा दी जाती हैं। लाभार्थी द्वारा स्वयं की राशि से अपने घर में निश्चित डिज़ाइन के आधार पर शौचालय का निर्माण किया जाता है। निर्मित शौचालय में जल की उपलब्धता हेतु पानी की टंकी एवं हाथ धोने की सुविधा होनी चाहिए। लाभार्थी एवं उसके परिवार के सदस्यों द्वारा शौचालय का उपयोग किया जाना चाहिए। पंचायत द्वारा निर्मित शौचालय के सत्यापन के बाद लाभार्थी के खाते में या चेक के द्वारा भुगतान किए जाने का प्रावधान है।

सामुदायिक स्वच्छता परिसरो का निर्माण :

राज्य में इन परिसरों का निर्माण उन ग्राम पंचायतों में किया गया, जहां पारिवारिक शौचालयों के निर्माण के लिए गांव में जगह की कमी थी| सामुदायिक शौचालय निर्माण हेतु अधिकतम रूपये 2 लाख/-(केन्द्र का अंश-60% राज्य का अंश-30% एवं समुदाय का अंश-10%) का प्रावधान है। ग्राम पंचायत द्वारा 10 प्रतिशत की सहयोग राशि समुदाय द्वारा/ग्राम पंचायत के निजी संसाधन से उपलब्ध कराई गई| प्रदेश में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन का उचित प्रावधान किया जा रहा हैं|

ग्रामीण क्षेत्र में शौचालय निर्माण के मामले में राजधानी जयपुर देश में पांचवे स्थान पर:

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) 2016 -17 में देश में कुल शौचालयों के निर्माण में प्रदेश की राजधानी जयपुर को पांचवा स्थान मिला हैं| भारत सरकार की यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार के सकारात्मक विकास कार्यो को दर्शाती हैं| जयपुर में इस दौरान अपनी 15 ग्राम समितियों की पंचायतों में 2 लाख 69 हज़ार से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया| 532 ग्राम पंचायतों वाले जयपुर जिले में सभी ग्राम समितियों ने तय लक्ष्य से बढ़कर शौचालय निर्माण किया हैं|

इस प्रकार केंद्र सरकार के सहयोग से राजस्थान सरकार निरंतर प्रदेश में नित नए विकास के आयाम स्थापित करने में प्रयत्नशील हैं| प्रदेश के जन-जन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने व लोगो को प्रत्यक्षतः सरकार से जोड़ने की पहल अभिनंदनीय हैं|

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