गुर्जर समाज सहित इन पांच जातियों को फिर से OBC में किया शामिल, SBC आरक्षण पर सरकार लाएगी नया मसौदा

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की सभी 36 कौमों को साथ लेकर विकास की ओर आगे बढ़ रही हैं। राजस्थान सरकार प्रदेश के गुर्जर समाज को प्रोत्साहन देने और विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कई प्रयास कर रही है। पिछले कई सालों से गुर्जर समाज आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे है लेकिन सफलता नही मिल पा रही है। मुख्यमंत्री राजे ने यह देखते हुए प्रदेश के गुर्जर समाज के लिए विशेष योजनाएं संचालित की जिनसे गुर्जर समाज को सामाजिक और आर्थिक लाभ मिले हैं।

एसबीसी आरक्षण पर राज्य सरकार लाएगी नया मसौदा

गुर्जर सहित पांच जातियों को फिर से ओबीसी में शामिल कर दिया गया है। इन जातियों को 25 अगस्त 2019 से एसबीसी में शामिल करते हुए आरक्षण दिया गया था। राज्य सरकार ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी करते हुए 9 दिसंबर 2016 से ओबीसी का लाभ देना तय किया हैं। वहीं दूसरी ओर एसबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार फिर नए सिरे से विधेयक लाने पर भी विचार कर रही है।

गुर्जर सहित पांच जातियां फिर से ओबीसी में शामिल

सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक अब पांच जातियों गुर्जर, रैबारी, बंजारा, गड़रिया और गाड़िया लुहार को अन्य वर्ग में पहले से तय आरक्षण का भी लाभ मिल सकेगा। इसका मतलब यह है कि प्रदेश में नियुक्तियों व शेक्षणिक संस्थाओं में सीटों पर एसबीसी का कोई परिलाभ नही मिलेगा। इस निर्णय के साथ ही अब गुर्जर समाज करीब आठ साल बाद फिर उसी पुरानी स्थिती में आ गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में करीब 60 हजार लंबित भर्तियों के तहत 1252 पदों पर एसबीसी के उम्मीदवारों को स्वीकृति दे दी है। इन्हे जब तक मामले का निर्णय नही आ जाता तब तक अस्थाई तोर पर पूरा वैतन दिया जाएगा।

9 दिसम्बर 2016 से प्रभावी होगी अधिसूचना

अधिसूचना के अनुसार 06 अगस्त 1994 को बंजारा, बालदिया, लबाना, गडरिया (गाडरी), गायरी, गाडिय़ा-लोहार, गाडोलिया, गूजर, गुर्जर एवं राइका, रैबारी (देबासी) को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में रखा गया था। इसके बाद राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक पिछड़ा वर्ग (राज्य की शैक्षिक संस्थाओं में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) अधिनियम, 2008 लागू किया गया।

अधिनियम लागू होने के बाद चार जातियों 1. बंजारा, बालदिया, लबाना, 2. गाडिय़ा-लुहार, गाडोलिया, 3. गुर्जर, गूजर, 4. राइका, रैबारी (देबासी) जातियों को 25, अगस्त 09 औरगडरिया (गाडरी), गायरी को 28 नवंबर, 2012 को विशेष पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया गया था। अधिसूचना 9 दिसम्बर 2016 से प्रभावी होगी।

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