प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पहली बार सीप्लेन के जरिए अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से धरोई डैम पहुंचे। यहां से मोदी सड़क के रास्ते से अंबाजी मंदिर में दर्शन के लिए रवाना हुए। सीप्लेन से सफर करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। देश में सीप्लेन की ये पहली उड़ान है।
रिवर फ्रंट पर सीप्लेन में मोदी के चढ़ने के लिए तैरता हुआ प्लेटफॉर्म बनाया गया था। सीप्लेन और उसके पायलट जॉन अमेरिकन हैं। अब उनके सीप्लेन सफर को भी राजनीति से जोड़ा जा रहा है। एक ओर कांग्रेस ने गुजराज परेशान और जीवन आलीशान बोलकर मोदी को घेरने की कोशिश की तो दूसरी तरफ हार्दिक पटेल ने टविट कर कहा है ”किसान प्लेन से खेत में कीटनाशक डाल सके, ऐसा कुछ कीजिएगा।”
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खैर जो भी हो लेकिन सीप्लेन से यात्रा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक रिकॉर्ड को अपने नाम कर ही लिया है। वहीं बीजेपी ने इसे साधारण फ्लाइट नहीं बल्कि गुजरात में विकास का प्रदर्शन बताया है। अपनी इस यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम हर जगह एयरपोर्ट्स तो नहीं बना सकते, इसलिए सरकार ने सीप्लेन लाने की योजना बनाई है।
आपको बता दें कि सेटोची होल्डिंग्स ‘QUEST’ ब्रांड के तहत पानी और जमीन पर उतरने वाले एयरक्राफ्ट बनाती है। पिछले 10 सालों से दुनियाभर में करीब 200 Kodiak Quest एयरक्राफ्ट उड़ रहे हैं।
क्या और कैसा होता है सीप्लेन
आपको बता दें कि सीप्लेन वॉटर बॉडी यानि पानी पर लैंड भी हो सकता है और इसे पानी पर से ही टेकऑफ कराया जा सकता है। इनमें एंफीबियस कैटेगरी के प्लेन पानी के साथ ही जमीन पर भी लैंड कराए जा सकते हैं। बता दें कि सीप्लेन की भारत में यह पहली उड़ान है। किफायती हवाई सेवाएं देने वाली एयरलाइन्स स्पाइस जेट ने शनिवार को ही मुंबई की गिरगांव चौपाटी पर सीप्लेन का ट्रायल किया था। स्पाइस जेट जापान की सेतोची होल्डिंग्स के साथ मिलकर 6 महीने से 10 और 12 सीटों के पानी और जमीन पर उतरने वाले प्लेन का ट्रायल कर रही है, ताकि छोटे शहरों में भी हवाई सेवा मुहैया कराई जा सके।