देश भर में शिक्षा नगरी के रूप में पहचान बन चुके हाड़ौती की शान कोटा को अब कृषि क्षेत्र के तौर पर भी पहचाना जा रहा है। कोटा के आरएसी ग्राउण्ड में चल रहा तीन दिवसीय ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का समापन शुक्रवार को हो गया है। समापन सत्र के मुख्य अतिथि केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री सी.आर. चौधरी ने कहा कि कोटा में आयोजित एग्रीटेक मीट कोटा संभाग के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होने कहा कि कोटा संभाग में प्रकृति ने अच्छी जमीन और भरपूर पानी दिया है। बस जरूरत है किसानों को नई तकनीक और नवाचार से जोडऩे की। इसी लक्ष्य के साथ आयोजित ग्राम के जरिए किसान कृषि की नवीनतम तकनीक और जानकारी से रूबरू हुए हैं। अब हाड़ौती के किसान खेती में नवाचार के लिए कदम आए बढ़ाएंगे।
प्रकृति के उपहास को उपहार में बदलता है यहां का किसान: कृषि मंत्री सैनी
समापन सत्र के दौरान कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि ग्राम आयोजन के साथ ही हाड़ौती में खेती में नवाचार की शुरुआत हो गई है। किसान दोगुनी आय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अग्रसर होगा। हाड़ौती को अंसिचित क्षेत्र से सिंचित क्षेत्र में बदलने का काम शुरू होगा। उन्होने कहा कि नवाचारों में अव्वल रहते हुए राजस्थान अब ऑस्टेलिया की हाइडोफोनिक तकनीक से पानी में खेती की पहल करने जा रहा है। यह खेती 30 गुना अधिक उपज देगी और निमेटोड आदि बीमारियों से रहित होगी। धरती पुत्र अपने जीवट से प्रकृति के उपहास को भी उपहार में बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। उन्होने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि किसानों की काबिलियत और नवाचारोन्मुखी प्रकृति की बदौलत हम 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सपना जरूर पूरा करेंगे।
आत्मा योजना के तहत किसानों को किया प्रोत्साहित
ग्राम के समापन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री आत्मा योजना के तहत चयनित प्रदेश के श्रेष्ठ किसानों को पशुपालन, डेयरी और कृषि में नवाचार करने पर पुरस्कृत किया गया। कोटा के किसान चैनसिंह राठौड़, कृष्ण कुमार शर्मा, झालावाड़ के किसान देवीलाल, धर्मेन्द्र कुमार, बूंदी के कुशाल सैनी, छीतरलाल, बारां के कमल, दिनेश कुमार को सम्मानित किया गया। पशुपालन श्रेणी में कोटा श्रीलाल गुंजल, बिजेन्द्र सिंह, बारां के उदयप्रताप सिंह, झालावाड़ के तेजसिंह को पुरस्कृत किया गया। दुग्ध उत्पादन की श्रेणी में भी किसानों को पुरस्कृत किया गया।