
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने के अभूतपूर्व प्रयास किए हैं और इस कार्य में राज्य सरकार को सफलता भी मिली हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के 11 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा हैं। इसमें में सरकारी क्षेत्र में करीब 2 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का राजे सरकार ने अपना वादा पूरा किया हैं। राजस्थान सरकार ने कौशल एवं अजिविका मिशन से प्रदेश के 9 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान किया हैं। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री राजे अपने विजन के तहत प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रोजगार प्रदाने करने के भरसक प्रयास कर रही हैं।
राजस्थान के बेरोजगार युवा के लिए खुशखबरी
राजस्थान सरकार की ओर से बेरोजगारों के लिए मंगलवार को खुशखबरी दी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने एक बयान में कहा है कि जल्द ही भर्ती होंगी। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा है कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के कॉलेजों में रिक्त पड़े शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों को अगले शैक्षणिक सत्र से पहले पहले भर दिया जाए। उन्होंने कॉलेजों के प्राचार्यों का आह्वान किया कि वे अपने महाविद्यालय को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करें।
एन.ओ.सी प्रकरणों को त्वरित निपटाए
उन्होंने निजी कॉलेजों के बकाया एन.ओ.सी. प्रकरणों को भी त्वरित निपटाए जाने के निर्देश दिए तथा कहा कि नवीन अकादमिक सत्र से पहले-पहले इनकी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि इसके अभाव में कोई प्रकरण लम्बित नहीं रहे। माहेश्वरी मंगलवार को राज्य के महाविद्यालय प्राचार्यों के साथ विडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए संवाद कर रही थीं। उन्होंने विडियो कॉफ्रेसिंग के दौरान एक-एक महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ वैयक्तिक संवाद किया तथा महाविद्यालय से संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं, समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली।
विद्यार्थियों को गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाएगी
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इसके लिए माहेश्वरी ने उनकी सराहना भी की। उन्होंने विडियो संवाद के दौरान कॉलेजों को आवंटित बजट के समुचित उपयोग, देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण तथा छात्रवृति से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की तथा कहा कि कॉलेजों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्राचार्य रूसा के तहत अपनी आवश्यकताएं आवश्यक रूप से भिजवाएं। वे बच्चों का सर्वे भी कराए कि कौन-कौन से विषयों की कोचिंग में उनकी रूचि है ताकि उसी अनुसार कोचिंग संबंधित योजना को क्रियान्वित किया जा सके। माहेश्वरी ने इस दौरान राजकीय महाविद्यालायों के प्राचार्यों को भामाशाह सहयोग योजना के तहत महाविद्यायों में आधारभुत सुविधाओं का विकास प्रभावी रूप में किए जाने, रूसा के अंतर्गत प्राप्त बजट के जरिए महाविद्यालय में अधिकाधिक विकास कार्य करवाए जाने तथा पुस्तकालय, प्रयोगशाला एवं खेलकूद मैदानों के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए।