आनंदपाल मौत की सीबीआई जांच करवाने को सरकार हुई राज़ी, राजपूत आंदोलन पूरी तरह समाप्त

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    राजस्थान के बदनाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की मौत पर राजपूत नेताओं द्वारा की जा रही राजनैतिक नौटंकीबाज़ी आखिरकार समाप्त हो गयी है। कल मंगलवार को राजपूत समाज के नेतृत्व में सर्वजन समाज के नेताओं और राजस्थान सरकार की हुई समझौता वार्ता में दोनों पक्षों में सुलह हो गयी। इस बातचीत के बाद राजपूत समाज ने आगामी 22 तारीख को राजधानी जयपुर में प्रस्तावित अपनी आक्रोश रैली और आंदोलन को पूरी तरह समाप्त कर दिया है।

    सरकार मानी सीबीआई जांच पर:

    कल दोपहर राजस्थान सरकार के सचिवालय में प्रदेश सरकार की ओर से गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और पंचायतीराज मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ तथा राजपूत समाज के नेताओं के बीच आंदोलन की समाप्ति के लिए वार्ता चली। इस करीब तीन घंटे की बातचीत में सरकार ने राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए राजपूत नेताओं की 7 मांगे मान ली। सरकार आनंदपाल सिंह की मौत की सीबीआई जांच कराने को बह राज़ी हो गयी। इस वार्ता के बाद श्रीराजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने आंदोलन ख़त्म करने की आधिकारिक घोषणा कर दी।

    सरकार ने कहा सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा करेंगे:

    राजस्थान सरकार ने आनंदपाल की मौत पर सीबीआई जांच का समर्थन कर रहे राजपूत समाज के नेताओं से हुई वार्ता में साफ़ कहा कि सरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से आनंदपाल प्रकरण की जांच के लिए अनुशंसा करेगी। सरकार इस केंद्रीय उपक्रम से निष्पक्ष जांच की सिफारिश करेगी। लेकिन सीबीआई जांच करवाना या नहीं करवाना, सीबीआई के विवेक पर निर्भर करेगा। सरकार इस संस्था पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बना सकती। राजस्थान में शांतिव्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार ने राजपूत नेताओं की सभी सातों मांगें मान ली।

    सभी सात मांगों पर बनी सहमति:

    कल शासन सचिवालय में हुई बातचीत में राजस्थान सरकार और इतने दिनों से प्रदर्शन कर रहे राजपूत समाज के नेताओं के बीच पूरी तरह सहमति बन गयी। सरकार ने इन नेताओं की तरफ से रखी गयी सभी सात मांगें मान ली।

    • आंदोलन के कारणों में सर्वप्रमुख आनंदपाल मौत की सीबीआई से जांच करवाने के लिए सरकार सहमत हो गयी। इसके लिए अब सरकार सीबीआई को पत्र लिखेगी।
    • दुबई में रह रही आनंदपाल की बड़ी बेटी चरणजीत सिंह उर्फ़ चीनू पर दर्ज़ मामलों को भी सरकार ने वापस ले लिया है। अब चीनू बेफिक्र दुबई से अपने घर आ सकती है।
    • वार्ता में शामिल हुए सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि 12 जुलाई को सांवराद सभा में हुई हिंसा में मारे गए युवक सुरेंद्र सिंह के परिवार को सरकार की ओर से मुआवज़ा और नौकरी दी जायेगी।
    • अंतिम समय में आनंदपाल को चूरू के मालासर में अपने मकान में शरण देने वाले श्रवण सिंह पर अब सरकार की तरफ से निगरानी नहीं रखी जाएगी। उससे कोई पूंछताछ नहीं की जाएगी।
    • आनंदपाल प्रकरण में सरकार का विरोध और हिंसा करते हुए गिरफ्तार हुए सभी लोगों पर सरकार द्वेषरहित, न्यायोचित कार्यवाही करेगी। उन्हें अदालत से ज़मानत दिलाने का प्रयास करेगी।
    • सांवराद हिंसा में जो लोग घायल हुए थे, उन सभी के परिवार को सरकार उचित मुआवज़ा देगी।
    • राजपूत समाज के नेता आनंदपाल सिंह को जवाबी कार्यवाही में मार गिराने वाले कमांडों सोहन सिंह से मिलने की मांग भी कर रहे थे। सरकार ने यह मांग भी मानते हुए सोहन सिंह से उनकी मुलाक़ात करवाने को राज़ी हो गयी।

    इसी के साथ सरकार और आनंदपाल समर्थक राजपूत समाज के नेताओं के बीच चल रहा गतिरोध पूरी तरह समाप्त हो गया। श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा के मुताबिक सरकार से सौहार्दपूर्ण वार्ता हुई। जिसमें गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, केबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ के अलावा डीजी जेल अजीत सिंह शेखावत, एडीजी पीके सिंह समेत राजपूत नेता लोकेंद्र सिंह कालवी, महावीर सिंह सरावड़ी और अन्य नेता अधिकारी मौजूद रहे।

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