मोदी सरकार के चार साल: जानें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के क्या है मायने

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Beti Bachao Beti Padhao

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार सफलतापूर्वक बेमिसाल चार साल पूरे करने जा रही है। 26 मई, 2018 को मोदी सरकार के अपने पहले कार्यकाल के चार साल पूरे हो रहे हैं। सबसे खास और बड़ी बात यह है कि इन चार वर्षों में देश ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के नेतृत्व में अपनी एक अलग पहचान बनार्इ है। इसके अलावा उनके द्वारा देश और आमजन के हित में उठाए गए सभी कदम प्रशंसनीय है। Beti Bachao Beti Padhao

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक चार साल में सैकड़ों योजनाएं जनहित में लॉन्च की है। ये योजनाएं देश के लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाली साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी की इन योजनाओं में खासतौर पर गरीब तबके और मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखकर लॉन्च किया गया है।  Beti Bachao Beti Padhao

मोदी सरकार की कई योजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के बारे में इस बात से बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है कि जब से देश की कमान संभाली है, उन्हें एक ​भी दिन आराम नहीं किया है।

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मोदी सरकार के बेमिसाल चार साल पूरे करने के अवसर पर हम आपको प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, इससे समाज की बेटियों के प्रति सोच में खासा बदलाव देखने को मिल रहा है…

2015 में हरियाणा से की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरूआत Beti Bachao Beti Padhao

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत में की थी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का मुख्य मकसद लैंगिक असमानता को दूर करना है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है। योजना से खासतौर पर महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना भारत सरकार के तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

इन मंत्रालयों में महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय शामिल हैं। 100 करोड़ रुपए के शुरूआती फंड के साथ शुरू की गई। Beti Bachao Beti Padhao

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यह योजना खासतौर पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में लगातार गिरते लिंगानुपात और भ्रुण हत्या को विशेष रूप ध्यान में रखते हुए की गई। बेटियों की कोख में ही हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने में कारगर साबित हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना हरियाणा से एक खास मकसद के सा​थ लॉन्च की थी।

दरअसल, हरियाणा का लिंगानुपात देश में सबसे कम था, इसे बढ़ाने और बेटियों के प्रति लोगों की सोच को बदलने के लिए उन्होंने यह योजना देश के हरियाणा राज्य से शुरू की। जिसके शानदार परिणाम इन 3 सालों में देखने को मिल रहे हैं।

पीएम मोदी का कहना है कि, हमारा मंत्र होना चाहिए: ‘बेटा बेटी एक समान’ Beti Bachao Beti Padhao

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरूआत के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लोगों से आह्वान करते हुए कहा, ‘आइए कन्या के जन्म का उत्सव मनाएं। हमें अपनी बेटियों पर बेटों की तरह ही गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि अपनी बेटी के जन्मोत्सव पर आप पांच पेड़ लगाएं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आह्वान करते हुए कहा, सामूहिक विवाह में आठवां फेरा इस शपथ के साथ हो कि कोई भी व्यक्ति लिंग परीक्षण तथा लिंग चयन आधारित गर्भपात में न शामिल होगा, न करवाएगा तथा न इसे बढ़ावा देगा।

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इस योजना में बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर तथा सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर खासा जोर दिया जा रहा है। मोदी सरकार कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयत्न कर रही है। इस योजना के मुख्य घटकों में शामिल, प्रथम चरण में PC तथा PNDT Act को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना तथा चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंग अनुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना है।

हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनूं में इस योजना का विस्तार करते हुए देश के सभी जिलों में लागू कर दी गई। इससे पहले सिर्फ 9 राज्यों के 100 जिलों में यह योजना चलाई जा रही थी। झुंझुनूं में योजना का विस्तार करते हुए देश के सभी 712 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। 26 अगस्त, 2016 को ओलंपिक गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल ​जीतने वाली साक्षी मलिक को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया।

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