रिमझिम सावन की बौछार, हरे-भरे पेड़ों और पक्षियों के मधुर कलरव के बीच उत्तर भारत में तीज का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दुओं के इस पावन पर्व को विभिन्न नामों जैसे हरतालिका तीज, हरियाली तीज तथा कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। तीज को श्रृंगाररस का पर्व माना गया है क्योंकि सावन का महीना महिलाओं के लिए हर्ष और उत्साह का महीना माना गया है। तीज से एक दिन पहले नवविवाहितों को मायके या ससुराल से आये सिंधारे में सोलह श्रृंगार के सामान, मेहंदी तथा नए कपड़े प्राप्त करती हैं।
तीज के दिन महिलाएं श्रृंगार कर के पूरे दिन निर्जला व्रत रह के माँ पार्वती से प्रार्थना करती हैं। तीजा माता अर्थात माता पार्वती कुमारियों को वर तथा नवविवाहितों के पतियों को लम्बी आयु प्रदान करती हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती और भगवान शिव की जोड़ी सभी जोड़ियों में सबसे श्रेष्ठ मानी गयी है इसलिए विवाहोपरांत तीज के अवसर पर शिव-पार्वती की पूजा का विधान है।
अगर आप पहली बार तीज का व्रत रखने जा रहीं हैं तो इन चीज़ों का ध्यान रखें। महिलाएं इस वीडियो को देख के तीज पूजा की सही विधि जानें।