राजस्थान में सोलर लैंप से हुआ हर घर रोशन, सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ते तीन कदम

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Solar power lamps in rajasthan

सौर ऊर्जा का उपयोग और उसे बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। राजस्थान में सोलर एनर्जी की अकूत संभावनाओं को देखते हुए इसके अधिकतम उपयोग की राहे तलाशी जा रही है। गुरुवार को सिविल सर्विस डे पर प्रधानमंत्री मोदी ने डूंगरपुर जिला कलक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंको को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार लागू करने के लिए सम्मानित किया।

2 साल पहले लिखी गई थी सोलर लैंप की कहानी

दरअसल राजस्थान के युवा आईएएस इंद्रजीत सिंह ने डूंगरपुर जिला कलक्टर रहते हुए क्षेत्र में सौर ऊर्जा से नवाचार किए। डूंगरपुर में आदिवासी महिलाओं के हाथों सोलर लैंप निर्माण की शुरूआत करीब 2 साल पहले हुई थी। जिस प्रकार डूंगरपुर में सोलर लैंप प्रोजेक्ट की शुरूआत हुई थी ठीक उसी प्रकार राजस्थान के चित्तौड़गढ में इसकी शुरुआत हो चुकी है। चित्तौड़गढ में जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने स्थानीय महिलाओं को सोलर लैंप निर्माण का प्रशिक्षण और सोलर मॉड्यूल मैन्युफेक्टरिंग प्लांट की स्थापना की तैयारी के साथ ही बेरोजगारों को सूर्य मित्रा ट्रेनिंग प्रोग्राम के रुप में एक कदम आगे बढ़ाया है।

सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ते तीन कदम

अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं को सिखाई सोलर इंजिनियरिंग

डूंगरपुर की तर्ज पर चित्तौड़गढ में भी राजीविका और आईआईटी मुंबई में एमओयू के बाद 30 से अधिक स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई। अब सोलर लैंप के लिए आने वाले सामान का इंतजार है। ये महिलाएं सोलर पैनल, एलईडी और स्टैंड की एसेंबलिंग कर सोलर लैंप बनाकर खुद बेचेगी। ये लैंप बिजली से महरूप बस्तियों को रोशन करने का काम करेंगे। महिलाएं सोलर लैंप के साथ इससे जुड़ी अन्य सामग्री भी बेच सकेंगी। जानकारी के अनुसार एक सोलर लैंप की लागत 700 रुपए है पर अनुदान के बाद वे इसे 120 रुपए की कीमत पर बैच सकेगी।

सोलर सिस्टम में खराबी ठीक करने के वाले सूर्य मित्रा भी तैयार

चित्तौड़गढ ने सूर्यमित्रा तैयार कर डूंगरपुर से सोलर क्रांति से एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। सिर्फ चित्तौड़गढ मे बेरोजगारों के लिए सूर्य मित्रा प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया गया ह । तीम माह में 60 सूर्यमित्र तैयार हो चुके है। इन सूर्य मित्रों का काम सोलर सिस्टम में खराबी ठीक करना और रखरखाव करना हैं।

मॉड्यूल मैन्युफेक्चरिंग प्लांट भी होगा

सोलर क्रांति के तीसरे चरण में चित्तौड़गढ में सोलर मॉड्यूल मैन्युफेक्चरिंग प्लांट भी लगाने की तैयारी की है। जिला प्रशासन में बेंगू में यह जगह भी तय कर ली है। इस प्लांट में भी महिलाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता दी गई है।

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