श्रमिक तभी समृद्ध होगे जब वो हुनरमंद होंगे और हुनरमंद श्रमिकों को सफलता के आसमां की उड़ान भरने से कोई नही रोक सकता, बस हमें एक कोशिश करनी है हमारे श्रमिकों को हुनरमंद बनाने की । मुख्यमंत्री राजे और राजस्थान सरकार ने प्रदेश के विकास का जो आधार तैयार किया है वो कहीं न कही इस बात से जरूर संबंध रखता है। अब राजस्थान के किसान, मजदूर और श्रमिकों को उस नजरिए से नही देखा जाता जिस नजरिए से आज के 5 साल पहले देखा जाता था। अब राजस्थान का श्रमिक पहले की तुलना में कही ज्यादा समृद्ध, कौशल और आधुनिक हो गया है। मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के श्रमिक कल्याण को सर्वोपरि स्थान देकर उन्हे जीवन की नई परिकल्पना से जोड़ा है। राजस्थान का श्रमिक अब हुनरमंद श्रमिक है। मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के श्रमिकों को कौशल विकास का नया हथियार दिया है जिससे श्रमिकों को जिंदगी की जंग जीतने से कोई नही रोक सकता।
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने और श्रमिकों की संतानों को उज्जवल भविष्य देने के मंसुबे से निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना को लागू किया । इस योजना के तहत निर्माण श्रमिक के बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है साथ ही कौशिल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। राज्य सरकार निर्माण श्रमिक के बच्चों को कक्षा 6 से 8 तक को छात्र को 8000 व छात्रा या दिव्यांग को 9000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा कक्षा 12 के बाद निर्माण श्रमिक की संतान आईटीआई में प्रवेश लेती है तो राज्य सरकार की और से 10 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। डिप्लोमा करने पर यह राशि एक हजार रुपए बढ़ा दी जाती है। इस प्रकार श्रमिक का बेटा या बेटी श्रमिक ना रहे जिसके लिए मुख्यमंत्री राजे ने एक प्रयास किया है।
कौशल विकास एवं आजिविका मिशन से मिला रोजगार
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के बेरोजगार युवा को उन्नत रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास एवं आजिविका मिशन चलाया। इस मिशन से प्रदेश के करीब 12 लाख युवाओं को हाथ का हुनर मिला और बेहतर विकल्पों के साथ रोजगार भी मिला। राजस्थान में कौशल युवाओं को रोजगार मिलने बेरोजगारी कम हुई है तथा युवाओं की किसी पर निर्भरता में गिरावट आई है। राज्य सरकार ने श्रमिकों को भी हुनरमंद बनाने और कुशल रोजगार दने के लिए कौशल विकास के जरिए प्रशिक्षण दिया जिससे श्रमिकों को आत्मनिर्भर होने में सहायता मिली। मुख्यमंत्री राजे का प्रयास है कि राजस्थान के सभी श्रमिक कुशल श्रमिक बने और बेहतर भविष्य की और अग्रसर बने।