राजस्थान में शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कितनी गंभीर हैं इसका एक नजारा सोमवार को विधानसभा में देखने को मिला। मुख्यमंत्री राजे का विजन हैं कि प्रदेश के हर युवा को उच्च स्तरीय शिक्षा मिले और रोजगार की ओर अग्रसर हो इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सकारात्मक सुधार किया हैं। सोमवार को विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर हैं पिछले तीन सालों में 55 नए कॉलेजों की शुरुआत कर विद्यार्थियों को नई दिशा प्रदान की हैं।
सूबे की उच्च शिक्षा मंत्री माहेश्वरी ने शून्यकाल के दौरान उठाए गए मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने 55 नए कॉलेजों की शुरुआत की, जिनमें से 27 कॉलेजों की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी और 28 वर्तमान सरकार ने घोषित किए , राज्य सरकार ने दोनों घोषणाओं को पूरा करते हुए अपने वादों को निभाया हैं।
कांग्रेस ने 45 में से 42 कॉलेजों की घोषणा अंतिम 6 माह में
2008 में वर्तमान सरकार ने 13 कॉलेजों के खोलने की घोषणा की और उन्हें चालू भी करवाया, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने शासन काल में 45 कॉलेजों की घोषणा कर दी, इनमें से 42 कॉलजों की घोषणा आखिरी छह महीनों में की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा घोषित कॉलेजों में से 8 को समीक्षाधीन रखते हुए शेष सभी के लिए न केवल भवन उपलब्ध कराया बल्कि उनके लिए बजट उपलब्ध करवाकर चालू भी करवाया। आगामी वर्षों में 8 कॉलेजों को भी चरणबद्ध कर खोला जाएगा।
कोलायत में महाविद्यालय खोलने का मामला विचाराधीन
मंत्री ने कहा कि कोलायत में महाविद्यालय खोलने का मामला विचाराधीन है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर इस मामले में विचार किया जाएगा। 2013 में सरकार ने कोलायत में स्वीकृत किए गए राजकीय महाविद्यालय में अध्यापन कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण राज्य सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष समीक्षाधीन रखा गया था। समिति के निर्णयानुसार समीक्षाधीन महाविद्यालयों को चरणबद्ध रूप से आगामी वर्षों में शुरू किया जाना है।
इन पर भी चल रहा हैं विचार
वहीं उन्होंने कहा कि चितौड़गढ़ के सावंलिया कन्या महाविद्यालय को स्नात्तकोत्तर में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव विभाग द्वारा बीएफसी को भेजा जा चुका है। शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि चितौड़गढ़ के इस कन्या महाविद्यालय में छात्राओं की अधिक संख्या है ऐसे में इस महाविद्यालय को क्रमोन्नत करना आवश्यक है। उन्होंने महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय में सेल्फ फाइनेन्सिंग सिस्टम के तहत चल रहे कोर्स के बारे में बताया कि राज्यभर में 2001 से एसएफएस कोर्स महाविद्यालयों में चल रहे हैं, जिसकी फीस का भार विद्यार्थियों पर पड़ता है। विभाग इस पर विचार कर रहा है कि इन कोर्स की फीस का भार विभाग द्वारा ही वहन किया जाए। इस संबंध में विभाग एक रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है।