सरकारी आदेश में लिखे ‘गुर्जर’ शब्द ने मचाया सरकार में हड़कंप, समाज में आक्रोश

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    जयपुर। राजस्थान में अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहे है। बीते कुछ महीनों से कई जिलों में तनावपूर्ण हालात बने हुई है। ईद के मौके पर जोधपुर के बाद नागौर में हालात बिगड़ गए है। प्रदेश के दौसा जिले में सरकारी आदेश में गुर्जर शब्द लिखने के बाद सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। जातिसूचक शब्द को लेकर गुर्जर समाज में काफी आक्रोश है। राजस्थान परिवहन विभाग के एक अधिकारी की ओर से जारी किये गये आदेश में ‘गुर्जर’ शब्द का इस्तेमाल किये जाने से राजस्थान में भारी बवाल मच गया। इस आदेश पर गुर्जर नेताओं और समाज के लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आने से राज्य सरकार और ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया।

    RAS अधिकारी सस्पेंड
    सोमवार को सुबह जारी किये गये इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर बवाल बढ़ते देखकर रात को आरएएस अधिकारी आकाश तोमर को गहलोत सरकार ने सस्पेंड कर दिया। गुर्जर शब्द वाला यह आदेश जारी होने के तत्काल बाद ही बेहद तेजी के साथ सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसको लेकर राजस्थान सरकार के मंत्री अशोक चांदना भी ने सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखी थी।

    आदेश में गुर्जर शब्द देखकर भड़का समाज
    सोशल मीडिया पर गुर्जर समाज के लोग इस पत्र की निंदा करने लगे और कहा गया कि पत्र में एक ही जाति को टारगेट करना गलत है। गुर्जर समाज के बड़े नेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र एवं गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस पर ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री जी परिवहन आयुक्त का गुर्जर जाति पर निशाना साधना व सीधा घात एक प्रशासनिक अधिकारी के लिए अशोभनीय है। समस्त भारत का गुर्जर समाज इस पत्र की कड़ी निंदा करता है।

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