राजस्थान में गौसंवर्द्धन एवं पंचगव्य के उपयोग को लोकप्रिय बनाने तथा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान बीजेपी राजस्थान सरकार ने 13 मार्च, 2014 को अलग से गोपालन विभाग का गठन किया है। दिसंबर, 2014 में इस विभाग का नाम परिवर्तित कर निदेशालय गोपालन कर दिया गया। साथ ही गोपालन मंत्रालय भी अलग से स्थापित किया गया है। यह विभाग पिछले 3 वर्षों से गायों और उनकी नस्ल के संरक्षण एंव संवर्धन के लिए कार्य कर रहा है। इस विभाग द्वारा बीते सालों में 108 से अधिक नई गौशालाओं का पंजीकरण किया जा चुका है जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस निदेशालय गोपालन विभाग द्वारा अन्य कई योजनाओं को जारी किया गया है और कई नई उपलब्धियां भी हासिल की है। आइए, विस्तार से जानते हैं निदेशालय गोपालन विभाग की उपलब्धियों के बारे में।
गोपालन विभाग: बीजेपी राजस्थान सरकार की अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियां
-
गौ तस्करी से बचाये गौवंश के पालन—पोषण हेतु सहायता
तस्करी/वध से बचाये गये गौवंश के पालन-पोषण के लिए वर्ष 2015-16 में एक योजना बनाई गई जिसमें संबंधित गौशाला को बड़े गोवंश के लिए 32 रूपए प्रति गोवंश एंव छोटे गोवंश के लिए 16 रूपए प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से अभिरक्षा की अवधि अथवा अधिकतम एक वर्ष (जो भी कम हो) के लिए सहायता राषि का प्रावधान है।
Read more: Rajasthan Bill: Insight into CM Raje’s exclusive Interview
-
सांड पंजीकरण एवं बधियाकरण
वित्तीय वर्ष 2015-16 से गौवंश में नस्ल सुधार एवं प्रति पशु दुग्ध उत्पादन की वृद्धि हेतु नकारा सांड़ों/बछड़ों का बधियाकरण तथा वर्गीकृत नस्ल के प्रजनन सांड़ों को चिन्हित कर नियमित संक्रमित रोगों की जांच, फोलोअप एवं अंतः प्रजनन रोकने की व्यवस्था हेतु पंजीकृत गौशालाओं में संघारित प्रजनन सांडों का पंजीकरण कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत प्रारम्भ किया गया, जिसमें प्रजनन सांड़ों के पंजीकरण के लिए 250 रूपए प्रति सांड एवं बधियाकरण हेतु राशि 150 रूपए प्रति सांड की दर से प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है।
-
गौशाला प्रबंधकों का सम्मेलन, प्रशिक्षण एवं आमुखीकरण
गौशाला प्रबन्धकों/प्रगतिशील गोपालकों को निःशुल्क प्रशिक्षण, एक्सपोजर विजिट एवं सम्मेलन के माध्यम से विभागीय गतिविधियों तथा राजकीय कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है। तीन दिवसीय आवासीय प्रशिषण में गौषाला सचिव/प्रबन्धकों को आदर्श गौशालाओं का भ्रमण कराया जाकर गौशालाओं का उचित प्रबन्धन, संतुलित पशुआहार, गौसंवर्धन, मूल्य संवर्धन, दुग्ध उत्पादन वृद्धि, विपणन, गौवंश की बीमारियों के उपचार एवं बचाव हेतु टीकाकरण आदि के संबंध में विषय विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है।
-
उत्कृष्ट गौशालाओं को पुरस्कार एवं प्रशस्ति प्रत्र
जिले की एक सर्वश्रेष्ठ गौशाला के लिए 26 जनवरी को जिला स्तरीय समारोह में 10,000/- (दस हजार रूपए) का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।
पाली जिले की सुमेरपुर तहसील के कोरटा ग ॉव मे एक बेल कि बुरी हालत होने पर भी सुमेरपुर के किसी भी अधिकारी एवं mLA के दॉ्रा कोई कारवाई नही की ग ई ईस बात पर मे शरमिंदा हु अत:मे ग ोपालन विभाग से यह ग ुंजारीस करुंग ा की मेरी बात को समझकर ईस बात पर कारवाई करे ।।जग गो माता की ।।