पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से अपनी वरिष्ठता का परिचय देते हुए केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में फैले भष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश की है और जिन लोगों के पास कालाधन पड़ा है उन्हे देश के सामने लाने का कार्य किया है जो पिछले 70 सालों में और कांग्रेस के शासन में कभी नही हुआ।
जहां पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्य को सराहा जा रहा है वहीं कांग्रेसियों ने इस मुद्दे को भी चुनावों से जोड़कर देखा है। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने फिर से कहा है कि मोदी सरकार ने चार घंटों में 1000 और 500 के नोट तो बंद कर दिए है लेकिन सरकार ने क्या क्या कदम उठाए है उसकी जानकारी सार्वजनिक करें।
हम पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत जी पूछना चाहते है कि क्या केंद्र सरकार 1000 और 500 के नोट बदलने और पूराने नोट बंद करने की नीति पहले ही सार्वजनिक कर देती तो क्या कालाधन रखने वाले कारोबारियों पर लगाम कैसे लगती।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सवाल किया है कि चार घंटे के अंदर 500 और 1000 के नो़ट तो बंद कर दिये गये मगर आगे फिर से काला धन जमा नहीं हो, उसके लिए सरकार क्या-क्या कदम उठाने जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी गहलोत जी से सवाल करती है कि जिस नीति पर जनता अपना पक्ष दे रही है उस पर कांग्रेस क्यों सवाल उठा रही है। क्या गहलोत जी आपके पास भी ब्लैक रद्दी( कालाधन) पड़ा है
ब्लैकमनी रोकने की प्रधानमंत्री मोदी की इस योजना पर कांग्रेसियों ने अपना राग अलापना फिर से शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार आम आदमी के हितों के कार्य कर रही है जिससे राहुल जी और गहलोत जी जैसे नेताओं को शायद कुछ दिक्कते हो रही है। आज कांग्रेस खाट पर चर्चा कर रही है पिछले 10 सालों से तो कांग्रेस खाट पर सो रही है । अगर कांग्रेस सरकार यह काम 10 साल में कर देती तो आज पाकिस्तान में छपी नकली मुद्रा बांग्लादेश और नेपाल के जरिए भारत में नही आती। आतंकवाद, नक्सलवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और आर्थिक विशमता फैलाने में पाकिस्तान से ज्यादा कांग्रेस का हाथ है। आज जो कदम मोदी सरकार ने उठाया है उससे इस सब पर लगाम लगी है।
राजस्थान मे कांग्रेस मरणासन्न हे। जो बचे खुचे नेता जिनका रसुख है।वे सब सी ऐम बनना चाहते है। जिनकी औकात विधायक बनने की भी नहीं है। अशौकजी गहलोत बासी कढी की तरह उबाल पर है। वहीं सचिध पाईलट अपने बाप की विरासत को भुनाना चाहते है। कांग्रेस सही विपक्ष की भुमिका निभाने मे नाकामयाब रहा है।