इसी माह की 5 और 6 तारीख़ को राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित किए गए एजुकेशन फेस्टिवल का समापन हो चुका है। भारत में पहली बार इतने बड़े स्तर पर आयोजित हुए इस शिक्षा महोत्सव के दौरान अनेक ऐसी बातें सीखने को मिली जो शैक्षिक वातावरण के विकास के लिए अनिवार्य है। शिक्षा के इस फेस्टिवल में छात्रों और शिक्षकों को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में अपनाए जा रहे नए सुधारों की जानकारी हुई। इस समारोह में आए देश के बड़े-बड़े शिक्षाविदों और महानुभावों ने राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा की बेहतरी की दिशा में अपनाएं जा रहे रचनात्मक प्रयासों की खुलकर तारीफ़ की।
मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के माध्यम से जुटाएं 5 करोड़ रूपए:
जयपुर में आयोजित किए गए एजुकेशन फेस्टिवल में प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य के सरकारी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के सुदृढ़ीकरण के लिए ज्ञान संपर्क पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष की स्थापना की। मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में अब तक 5 करोड़ रूपए की राशि का अनुदान प्राप्त हुआ है। इन दोनों पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता व आधुनिकता को और अधिक बढ़ाने का काम करेगी। राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था में सरकार द्वारा किए जा रहे ढांचागत सुधारों के अंतर्गत प्रदेश के दानदाता इन पोर्टल के माध्यम से आर्थिक सहायता दे पाएंगे। इस सहयोग से राजकीय विद्यालय और महाविद्यालयों की भौतिक सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा।
हर वर्ष मनाया जाएगा फेस्टिवल ऑफ़ एजुकेशन:
राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और आधुनिकता को विश्वमंच पर पहचान दिलाने वाले एजुकेशन फेस्टिवल का आयोजन अब प्रदेश में हर वर्ष किया जाएगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बताया कि शिक्षा के इस महाकुम्भ का आयोजन अब प्रतिवर्ष किया जाएगा। इससे प्रदेश और देश के शिक्षार्थी और शिक्षाप्रेमी शिक्षा में अपनाएं जा रहे नवाचार की जानकारी लेकर उनकी तरफ कदम बड़ा पाएंगे। मुख्यमंत्री वुसंधरा राजे ने बताया कि इस शिक्षा महोत्सव का आयोजन अगले वर्ष झीलों की नगरी उदयपुर में किया जाएगा। गौरतलब है कि किसानों को नवाचार और उन्नत खेती की और प्रेरित करने वाले ग्राम के आगामी संस्करण का आयोजन भी उदयपुर में किया जाएगा।