मुख्यमंत्री राजे भेज रही है अब भाजपा विधायको को बूथों पर, काम करों, रिपोर्ट बनाओं, जिम्मेदारियां संभालो

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राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव 2018 के अंत में होने है। प्रदेश की सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। प्रदेश भाजपा का नेतृत्व कर रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कार्यकर्ताओं को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का बंटवारा कर दिया है। अब प्रदेश भाजपा विस्तारकों की तर्ज पर विधायकों को भी बूथों पर भेज रही है। हर विधायक अपने क्षेत्र के बूथों पर जाएंगे। पंद्रह दिन के इस अभियान में विधायक कार्यकर्ताओं से सीधे मुलाकात कर वहां के लोगों की समस्याओं को सुनेंगे। भाजपा कार्यालय में चल रही बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यह निर्देश दिए। मंगलवार को दूसरे दिन 12 लोकसभा क्षेत्रों के सांसद और इनके अंतर्गत आने वाले विधायकों को बुलाया गया था।

जनता के लिए काम करें, 180 प्लस और मिशन 25 को प्राप्त करे

बैठक की शुरुआत जयपुर- ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से हुई। इसमें सांसद और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, फूलचंद भिंडा, निर्मल कुमावत सहित अन्य विधायक बैठक में पहुंचे। इसके बाद अलवर, भरतपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, बाड़मेर, चित्तौडगढ़, राजसमंद, जालौर, कोटा, अजमेर और टोंक के सांसद और विधायकों को बुलाया गया। बैठक में सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री वी. सतीश और प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया कि सांसद और विधायक कोष की राशि आपसी समन्वय से इस प्रकार खर्च करनी है। सभी अपने क्षेत्रों में जनता की समस्याओं के समाधान के लिए काम करे, ताकि 180 प्लस और मिशन 25 का लक्ष्य प्राप्त कर सके।

मुख्यमंत्री राजे ने दिए निर्देश, मांगे सूझाव

अलवर में निगम बनाया जाए। विधायकों ने कहा कि भरतपुर अलवर से छोटा है, लेकिन वहां नगर निगम और संभागीय आयुक्त कार्यालय है।  उदयपुर में हाईकोर्ट बैंक की स्थापना की मांग उठाई। विधायकों ने कहा कि जोधपुर आने-जाने में समय लगता है। छोटे केस में भी काफी समय लग जाता है।  विधायक क्षेत्र के बूथों पर जाएंगे और लोगों से मिलेंगे। कार्यकर्ताओं के बीच रहकर संदेश देंगे कि पार्टी के लिए कार्यकर्ता ही सबकुछ है।
विधायक हर माह रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। वे खुद समीक्षा करेंगे कि उन्होंने क्या करने की जरूरत थी। कहां कमी रही। उसे कैसे दूर किया जा सकता है। जन कल्याण शिविरों में लोगों को पट्टे नहीं मिल रहे।

विधायकों को निर्देश

जन सुनवाई निरंतर करनी है।  विधायकों ने 2 साल के विकास कार्यों की पुस्तिका छपवा रखी है। बैठक में उन्हें तीन सालों के विकास कार्यों की पुस्तिकाएं छपवाने के निर्देश दिए गए। जिले के कॉमन इश्यू पर सभी विधायक एकजुटता दिखाएं और जनहित के काम करें। कोटा के विधायकों ने सुझाव दिया कि हमें विभिन्न समाजों के कामों के लिए सांसद कोष की तर्ज पर बजट देने की छूट दी जाए।

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