पिछले कुछ दिनों में राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने सिगरेट और तम्बाकू उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कवायद शुरू कर दी है। राज्य में बीड़ी, सिगरेट तथा तम्बाकू का उपयोग निरंतर बढ़ता ही चला जा रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उपयोगकर्ता सार्वजानिक स्थलों पर बच्चों, जानवरों या बुजुर्गों की परवाह ना करते हुए अपनी सभी चिंताएं तंबाकू तथा सिगरेट के छल्लों में उड़ा देते हैं। इस कारणवश भारत सरकार ने 2003 में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (COPTA) जारी किया था।
इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों, जैसे कि, सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, परिवहन सुविधाओं इत्यादि के अगल-बगल तंबाकू या सिगरेट की बिक्री, विज्ञापन और प्रयोग निषिद्ध है। इसके बावजूद पूरे देश भर में लोग धड़ल्ले से इस नियम का उल्लंघन करते हैं। परंतु राजस्थान में अब ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा। राज्य स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कमर कस ली है।
इस वर्ष फरवरी के आखिरी दिन ‘तम्बाकू निषेध दिवस’ के तौर पर मनाया गया था जिसका उद्देश्य था सभी उपयोगकर्ताओं को तम्बाकू और सिगरेट के दुष्प्रभाव से अवगत करना तथा उन्हें सार्वजानिक स्थलों पर उपयोग करने से रोकना जिससे कि युवा पीढ़ियों को सही सन्देश जा सके। इस मिशन को पूरा करने हेतु स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ ने सभी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों तथा सिगरेट की बिक्री या इस्तेमाल पर अपराधियों को दंड देने का निर्णय किया है। 28 फरवरी के दिन अधिकारियों ने कई स्थानों का जायज़ा लेकर इस नियम का उल्लंघन करने वाले 1,76,693 लोगों पर जुर्माना लगाया।
चौंकाने वाली बात यह है कि चुरू में, 32,002, झालावाड़ में, 29,762 तथा जयपुर में 22,009 व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए। इन सभी लोगों को चालान जारी किये गए। COTPA नियमों के अनुसार दोषियों पर 200 रूपए का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है परंतु स्वस्थ्य विभाग मंत्रालय ने अभी फिलहाल कइयों से मात्रा 1 रूपए का जुर्माना ले कर उन्हें भविष्य में ऐसा ना करने कि चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) सलाहकार नरेंद्र सिंह के अनुसार सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को हानिकारक पर्दार्थों का उपयोग करने से रोकना है ना कि उन्हें पैसे वसूल कर छोड़ देना। इसलिए अभी बस चेतावनी दे के लोगों को सही मार्ग पर लेन का प्रयास किया गया है। भविष्य में दोषियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाये जा सकते हैं।
एक दिन में इतने सारे लोगों पर जुर्माना लगा कर राजस्थान भारत में पहली बार ऐसा करने वाला राज्य बन गया है। अगर ऐसे प्रयास जारी रहे तो जल्द ही विश्व स्तर पर राजस्थान का गिनीज़ बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में नाम आ सकता है। इसके अतिरिक्त 13 से 28 फरवरी के बीच स्वास्थ्य विभाग ने कई रैलियों तथा सड़क भाषणों के माध्यम से हानिकारण पर्दार्थों के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया था। आशा है कि आगे चल कर इससे हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।