एक बिजनेसमैन चाहता है कि उसका बेटा बिजनेस संभाले, एक डॉक्टर चाहता है कि उसकी संतान डॉक्टर बनें, एक एक्टर अपनी संतान को फिल्मों में करियर बनाते हुए देखना चाहता है, उसी प्रकार एक राजनेता भी चाहता है कि उसका संताने राजनीति में ही करियर बनाए। अधिकांशत ऐसा देखा भी गया है कि राजनेताओं की संताने पॉलीटिक्स को ही अपना प्रोफेशन चुनती है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सभी राजनेताओं की औलाद राजनीति में ही करियर बनाती है। कुछ लोग अपने बाप के प्रोफेशन से अलग अपने पसंदीदा क्षेत्र में करियर बनाते हैं। लेकिन इस कड़ी में आज हम राजस्थान के उन राजनेताओं की संतानों के बारे में बात करने वाले हैं जो राजनीति में अपना अलग मुकाम बना रहे हैं…
दुष्यंत सिंह
सांसद दुष्यंत सिंह देश की मशहूर राजनीतिज्ञ हस्ती और राजस्थान की दूसरी बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पुत्र हैं। सांसद दुष्यंत सिंह ने अमेरिकन यूनिवर्सिटी से हॉटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए डिग्री की है। वे झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं। साथ ही लोकसभा की कई कमिटियों के सदस्य भी बनाए गए हैं। दुष्यंत अपने दम पर राजनीति में अपना अलग मुकाम बना रहे हैं। वे अपने लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार चुने जाने वाले एकमात्र नेता हैं।
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सचिन पायलट
सचिन वर्तमान में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद पर हैं। वे किसानों के हितैषी कहे जाने वाले देश के दिग्गज पॉलीटिशियन स्वर्गीय राजेश पायलट के बेटे हैं। सचिन की मां रमा पायलट भी राजनीति में सक्रिय है। सचिन पायलट दो बार सांसद रह चुके हैं। दूसरी बार सांसद चुने जाने पर उन्हें केंद्र सरकार में कॉर्पोरेट अफेयर्स और इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर भी बनाया गया था। 16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनावों में पायलट को राजस्थान बीजेपी के दिग्गज नेता स्व. सांवरलाल जाट से हार का सामना करना पड़ा था।
मानवेंद्र सिंह
कर्नल मानवेंद्र सिंह वर्तमान में बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे पूर्व भारतीय वित्त मंत्री ठाकुर जसवंत सिंह के बेटे हैं। मानवेंद्र सिंह 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों में इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। मनमोहन सरकार में उन्हें रक्षा संबंधित मामलों की कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था। वे 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। लेकिन अप्रैल, 2014 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी से मेंबर के रूप में निष्कासित कर दिया गया है। वे जर्नलिस्ट के तौर पर और टेरीटोरियल आर्मी में कर्नल के रूप में सेवा भी दे चुके हैं।
ज्योति मिर्धा
डॉ. ज्योति मिर्धा 15वीं लोकसभा के लिए 2009 में हुए चुनावों में नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गई थी। वे राजस्थान के फेमस पॉलीटिशियन रहे नाथूराम मिर्धा की पोती और राम प्रकाश मिर्धा की बेटी हैं। वे मनमोहन सरकार में 3 लोकसभा कमेटियों की सदस्य रह चुकी है साथ ही एम्स दिल्ली, की इंस्टीट्यूट बॉडी की पूर्व सदस्य भी रह चुकी है। ज्योति मिर्धा डॉक्टरी का प्रोफेशन छोड़कर राजनीति में आईं है। उनके दादा नाथूराम मिर्धा 6 बार सांसद रहे थे।