भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर प्रदेश में चलाए गए न्याय आपके द्वार अभियान की प्रशंसा की है। अमित शाह ने भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने संबोधन के दौरान प्रदेश के इस अभियान की सराहना की, वहीं राजनाथ ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में न्याय आपके द्वार अभियान का उल्लेख करते हुए इस अभियान को सराहा।
शाह ने नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई दो दिवसीय भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि राजस्थान में चलाए गए न्याय आपके द्वार अभियान से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा लेकर ऐसे अभियान संचालित करने चाहिए, ताकि बरसों से लंबित राजस्व वादों का त्वरित निस्तारण हो और आमजन को उनका वाजिब हक मिल सके।
गौरतलब है कि प्रदेश में चलाए गए न्याय आपके द्वार अभियान के तहत आयोजित राजस्व शिविरों में दो वर्ष में 70 लाख प्रकरणों का निस्तारण कर बड़ी संख्या में लोगों को राहत पहुंचाई गई है। अभियान के दौरान प्रदेश की 523 पंचायतें राजस्व वादमुक्त हो गई हैं।
मुख्यमंत्री राजे के होर्डिंग्स बने आकर्षण का केंद्र
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के मद्देनजर दिल्ली के मुख्य मार्गों पर पार्टी के दिग्गज नेताओं के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के होर्डिंग्स आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
इन नेताओं ने की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा प्रदेश के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर, राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव, सांसद दुष्यंत सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा सहित कई नेताओं ने भाग लिया।
न्याय आपके द्वार अभियान
बरसों पुराने राजस्व मामलों को कुछ ही मिनटों में सुलझाकर ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी देने का काम सरकार द्वारा न्याय आपके द्वार शिविरों के माध्यम से किया जा रहा हैं। इन शिविरों के माध्यम से किया जा रहा हैं। इन शिविरों का आयोजन हर वर्ष हो रहा हैं। ये शिविर ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो हुए हैं, जो ज़मीन के मामलों में अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा लगाए गए इन शिविरों में ग्रामीणों एवं किसानों के ज़मीन से जुड़े स्वामित्व, खातेदारी अधिकार तथा उत्तराधिकार के झगड़ों और विवादों के लंबित मुकदमों का समाधान किया जाता हैं। तहसीलदार, पटवारी, सरपंच व भू-प्रबंधन से जुड़े लोग इन शिविरों में एख ही जगह मौजूद होते हैं, जिससे मामले का हर स्तर पर उचित समाधान किया जा सके।
70 लाख मामलों का निस्तारण
न्याय आपके द्वार अभियान में विभिन्न ग्राम पंचायतों में 28 हजार से अधिक शिविर लगाकर 70 लाख मामलों का निस्तारण किया जा चुका हैं। इन शिविरों के आयोजन से अब तर 523 ग्राम पंचायतें मुकदमों से मुक्त हो चुकी हैं। कई जगह भाई-भाई की लड़ाई भी खत्म हो गई, कहीं दोस्ती फिर से शुरु हो गई और कहीं बरसों से चला आ रहा न्याय का इंतजार खत्म हुआ हैं।