जयपुर। प्रदेश में निकाय चुनाव के बार प्रदेश की राजनीति में कई प्रकार के रंग देखने को मिल रहे है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पहली बार नागौर जिले की कुचामन नगरपालिका में हाईब्रिड फॉर्मूले से निकाय प्रमुख बनाने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि साल 2019 में जब गहलोत सरकार यह नया फॉर्मूला लेकर आई थी। तब तत्कालीन पीसीसी चीफ एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इसका विरोध किया था। उस समय हाईब्रिड फॉर्मूले के विरोध में दिया गया सचिन पायलट का बयान काफी सुर्खियों में रहा था।
क्या है हाईब्रिड फॉर्मूला
नगरपालिका एक्ट में बिना पार्षद का चुनाव जीते हुए व्यक्ति को निकाय प्रमुख बनाने का प्रावधान है। लेकिन यह साल 2019 में तब चर्चाओं में आया जब इसे हाईब्रिड फार्मूला नाम दिया गया। इसके तहत बिना पार्षद का चुनाव जीते हुए व्यक्ति को निकाय प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि, उसे 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना होता है। सचिन पायलट ने इसका यह कहते हुए विरोध किया था कि जो व्यक्ति पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकता उसे निकाय प्रमुख बनाया जाना गलत है और लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है।