भंवरी देवी हत्याकांड: कभी भंवरी को कहती थी भाभी लेकिन भाई को मंत्री बनवाने के लिए करवा दिया मर्डर

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    भंवरी देवी हत्याकांड में आरोपी व जेल में बंद पूर्व कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई की बहन और हत्याकांड की रचियता इंद्रा विश्नोर्इ मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार हो चुकी है। माना जा रहा है कि अब इंद्रा कर्इ चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है। फरार होने से पहले इंद्रा ने बयान दिया था कि यदि उसने मुंह खोला तो कर्इ बड़े चेहरे फंस जाएंगे। हालांकि इसके बाद वह गायब हो गर्इ। इस मामले में इंद्रा अहम कड़ी है। भंवरी और अपने भार्इ मलखान के बीच सबसे पहले रिश्तों को कबूल करने वाली भी इंद्रा ही थी। यहां तक की वह भंवरी को भाभी कहती थी और भंवरी को ब्लैकमेलिंग के रास्ते पर धकेलने वाली भी इंद्रा ही थी। महिपाल मदेरणा और भंवरी के रिश्तों की कहानी इंद्रा से छिपी नहीं थी। वह लालची थी और मदेरणा के खिलाफ भंवरी को इस्तेमाल कर मदेरणा को मंत्री पद से हटवाकर अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना चाहती थी। इंद्रा ने भंवरी को मदेरणा की सीडी बनाने के लिए तैयार किया और उसके बाद ब्लैकमेलिंग के जरिए उगाही भी करवार्इ।

    मदेरणा को रास्ते से हटा भाई को बनवाना था मंत्री

    महिपाल मदेरणा को मंत्री पद से हटाकर इंद्रा अपने भार्इ मलखान को मंत्री बनाना चाहती थी। इसके लिए उसने मोहरों को आगे रखकर चालें चलनी शुरू कर दी। पहले उसने रिश्तेदार सोहनलाल को भंवरी का धर्मभार्इ बनवाया और फिर नेताओं की सीडी को हथियाकर मोटी रकम वसूलने में जुट गर्इ। सीडी हथियाकर ब्लैकमेलिंग और मदेरणा को पद से हटाने के लिए भंवरी को अगवाकर विशनाराम गैंग को सौंप दिया। विशनाराम गैंग ने भंवरी को टॉर्चर कर सीडी हथियाने की कोशिश की लेकिन उसने विरोध किया। इसके बाद ही भंवरी की हत्या कर दी गर्इ।

    भंवरी ने दिखाई आंख तो करवा दिया साफ

    भंवरी और इंद्रा के बीच यहां तक तो सब कुछ ठीक था, लेकिन जब भंवरी ने मलखान के खिलाफ खड़ा होने की कोशिश की तो इंद्रा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकी। भंवरी अब इंद्रा को भी आंख दिखाने लगी थी। इसी के बाद भंवरी को ठिकाने लगाने का प्लान तैयार हुआ था।

    पति को दस लाख में खरीदा, आंदोलन करवाया

    इंद्रा को जब पता लगा कि भंवरी की हत्या हो चुकी है तो उसने एक नर्इ चाल चल दी। भंवरी के पति अमरचंद को दस लाख रुपए में खरीदकर उसने मदेरणा के खिलाफ केस करवाया और आंदोलन चलवाने लगी। हालांकि बाद में मामला उसकी गिरफ्त से निकलता चला गया। मदेरणा और मलखान की गिरफ्तारी के बाद उस पर भी गिरफ्तारी की तलवार मंडराने लगी तो वह फरार हो गर्इ।

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