मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूरदर्शी विजन से राजस्थान के युवाओं को एक नई दिशा मिली है जहां बेहतर शिक्षा, रोजगार और भविष्य की रोशनी है। मुख्यमंत्री राजे को देश की विजनरी मुख्यमंत्री कहा जाता है क्योंकि राजे की सोच सिर्फ राजस्थान में सरकार चलाना नही बल्कि राजस्थान के युवा, किसान, गरीब और सभी वर्गों को साथ लेकर विकास की राह पर आगे चलना है। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान के विकास, खासकर शिक्षा क्षेत्र में भामाशाहों द्वारा किए जा रहे अतुलनीय कार्य की प्रशंसा की है। सोमवार को हीरापुरा स्थित राजकीय कमला देवी बुधिया उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य्मंत्री राजे ने कहा कि राजस्थान में भामाशाहों ने शिक्षा क्षेत्र में नई अलख जगाने का काम किया है। राज्य सरकार भामाशाहों द्वारा सामाजिक हित में दिए जा रहे अमूल्य सहयोग की एक-एक पाई का सदुपयोग सुनिश्चित करेगी।
राज्य सरकार देगी भामाशाहों को आयकर में छूट
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि सरकार स्कूलों के विकास के लिए कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सब्लिटी मद तथा व्यक्तिगत सहयोग से प्राप्त फंड़ का मुख्मयंत्री विद्या कोष और ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता से उपयोग निर्धारण करेगी। उन्होने कहा कि सरकारी विद्यालयों में इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि राज्य सरकार दानदाताओं को आयकर देने में भी आयकर कानून की धारा 12 एए और 80 जी के तहत राहत देने की कोशिश कर रही है।
राजस्थान के शिक्षा मॉडल की देशभर में सराहना
मुख्यमंत्री राजे ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से राजस्थान में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने का कार्य किया है। आज देश भर में राजस्थान के आदर्श मॉडल, उतकृष्ट विद्यालयों, सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षा, पेरेंट्स-टीचर मीट जैसे नवाचारों की सराहना की जा रही है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता पहले से सुधरी है। इस साल भामाशाहों ने राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में करीब 62 करोड़ रुपए का सहयोग दिया है जिससे विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जा सकेगा।
प्रवासी राजस्थान व्यवसायी हरिप्रसाद बुधिया ने कराया निर्माण
आपको बतादें कि हीरापुरा स्थित कमला देवी बुधिया विद्यालय भवन के निर्माण के लिए प्रवासी राजस्थानी और पैटन ग्रुप, कोलकाता के चैयरमेन हरिप्रसाद बुधिया ने अपनी मां श्रीमती कमला देवा बुधिया की स्मृति में करीब 5 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से करवाया है। जयपुर में इस विद्यालय के निर्माण के बाद श्री बुधिया चुरू के रतननगर में स्थित सरकारी विद्यालय के भवन का निर्माण करवा रहे है जिसमे उन्होने भी पढ़ाई की थी।