‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना में राजस्थान के झुंझुनू जिले को मिला राष्ट्रीय स्तर का सम्मान 

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से राजस्थान में बालिकाओं का भविष्य उजव्वल बन रहा हैं। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में बालिका लिंगानुपात, शिक्षा, भ्रुण हत्या जैसी समस्याओं पर गहराई से कार्य कर रही हैं जिससे राजस्थान देश में बालिका उत्थान के उच्चतम सोपान पर अग्रसर हो पाया हैं। हाल ही में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू जिले को राजस्थान सरकार की बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं योजना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया हैं।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से यह पुरस्कार राजस्थान के झुंझुनू जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार बोरड़ एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी विप्लव ने प्राप्त किया। गौरतलब हैं कि ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ कार्यक्रम देश के 161 जिलों में वर्ष 2015 से चलाया जा रहा है, जिनमें राजस्थान के 14 जिले शामिल है। राज्य के 14 जिलों में झुंझुनू ने इस कार्यक्रम की सफलता में सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया और देश के शीर्ष दस जिलों में अपनी जगह बनाकर राष्ट्रीय सम्मान हासिल किया है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर साहित्य वितरण और बैठकों का किया जाता हैं आयोजन

न्यूनतम बाल लिंगानुपात वाली पंचायतों में समुदाय को जागरूक व सक्रिय करने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रमों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर साहित्य का वितरण एवं बैठकों का आयोजन किया जाता है। जनसुनवाई एवं रात्री चौपाल के समय बाल लिंगानुपात की विषमता पर विशेष चर्चा की जाती है तथा समुदाय को सक्रिय किया जाता है। विशेष अभियान चलाकर नारी की चौपाल, रैली, प्रभात फेरी आदि गतिविधियों का संचालन प्रत्येक विद्यालय, आगंनबाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर जागरूकता उत्पन्न की गई।

जिले का ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ फेसबुक अकाउंट तैयार कर नियमित रूप से अपडेशन किया जा रहा है। जिले के स्वर्ण जयंती स्टेडियम में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ अभियान के एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 1.50 लाख लोगों ने एक साथ बेटी बचाने की शपथ ली। इसके अतिरिक्त घर-घर जाकर लगभग 3.5 लाख लोगों को विद्यालयों के माध्यम से शपथ दिलवाई गई। इस कार्यक्रम को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया।

‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘’ अभियान में महिला स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों द्वारा सहभागिता स्थापित करके समूहों का भी सहयोग लिया जा रहा है। राजस्थान के एकमात्र एस.एच.जी. फेडरेशन अमृता सोसायटी के माध्यम से इसके लगभग 13,500 सदस्यों का एस.एम.एस. के द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश प्रसारित कर जागरूकता उत्पन्न की जा रही है। बालिकाओं में पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा करने एवं प्रतियोगिता की भावना बढ़ाने के लिए जिले की 1.50 लाख बालिकाओं को अमृता सामान्य ज्ञान पहल-2017 किताबों का वितरण किया गया है। जिसके आधार पर जून, 2017 में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित कर विजेता बालिकाओं को पुरस्कृत किया जायेगा।

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