हुस्न और ब्लैकमेलिंग का खतरनाक ट्रैप, हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग कांड हुआ नाटकिय धारावाहिक में तब्दील

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    ब्लेकमेलिंग कांड एक ऐसे धारावाहिक की कहानी की शक्ल ले चुका है जिसमे हर रोज ना केवल नई जानकारियां सामने आ रही हैं। बल्कि फसने और फसाने वाले नए किरदारों के चेहरे भी सामने आ रहे हैं जो इस मामले को पेचीदा बना रहे हैं। रसूखदार लोगों को दुष्कर्म के केस में फंसा कर करोड़ों रुपए वसूलने वाली हाईप्रोफाइल गैंग का मुख्य सरगना नवीन देवानी भी गुरुवार को एसओजी ने गोवा से पकड़ लिया। वह कॉलवा बीच पर मौज-मस्ती कर रहा था। इससे एक दिन पहले गिरफ्तार नवीन के साथी सरगना वकील नितेशबंधु को एसओजी ने रिमांड पर लिया है। एसओजी दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। नवीन इस मामले का खुलासा होने के बाद 24 दिसंबर से ही फरार चल रहा था।

    पूछताछ में आरोपी नितेशबंधु ने 30 वारदातें करना कबूल किया है। गैंग ने इनसे करोड़ों रुपए वसूले। नितेश को करीब 50 लाख रुपए मिले। गौरतलब है कि गैंग में शामिल युवतियां रसूखदारों से दोस्ती करती थीं। क्लिपिंग बनाकर दुष्कर्म मामले में फंसाने की धमकी दी जाती थी। गैंग के अन्य सदस्य पैसे लेकर समझौता कराते थे।

    डॉक्टर, बिल्डर, ज्वैलर जैसे बड़े लोगों को फांसा

    7 प्रॉपर्टी व्यवसायी व बिल्डर
    4 डॉक्टर
    5 होटल संचालक
    5 ज्वैलर
    1 ठेकेदार
    1 रिसोर्ट मालिक
    1 प्रोफेसर

    इनके अलावा अन्य रसूखदारों से 20 करोड़ रु. से ज्यादा वसूले

    11 प्रकरण दर्ज किए हैं एसओजी ने अबतक ।
    15 लोगों ने एसओजी को आपबीती सुनाई है ।
    18 से ज्यादा लोगों ने संपर्क ही नहीं किया है ।

    गिरोह के 21 आरोपी गिरफ्तार, 9 अब भी फरार
    4 वकील : मुख्य सरगना नवीन देवानी, दूसरा सरगना नितेश बंधु, संदीप गुप्ता, अखिलेश मिश्रा।

    1 एनआरआई युवती : रवनीत कौर। 3 अन्य युवतियां : रीना शुक्ला, शिखा तिवाड़ी, कल्पना उर्फ रिया।

    2 फर्जी पत्रकार : विजय व अक्षत।
    1 हिस्ट्रीशीटर : मनीष बंधु शर्मा

    राकेश यादव, पुष्पेन्द्र शर्मा, आनंद, कैलाश, विमल, हरिकिशन, शिंभु सिंह, नीरज मीणा, अनिल मीणा, प्रेमशंकर, संदीप गुप्ता, किशोरी लाल पकड़े। 4 युवतियों सहित 9 फरार हैं।

    एसओजी ने यह काम किया

    एसओजी को गैंगस्टर आनंदपाल की तलाश थी। फोन सर्विलांस पर थे। आनंदपाल का साथी आनंद शांडिल्य पकड़ा गया। खुलासा हुआ कि ऐसा गैंग भी काम कर रहा है, जो हाईप्रोफाइल लोगों को दुष्कर्म मामले में फंसाकर वसूली का धंधा कर रही है। इसके बाद पिछले साल 24 दिसंबर को इस मामले का खुलासा हुआ। सबसे पहले फर्जी पत्रकार विजय व अक्षत पकड़ में आए। इसके बाद डेढ़ माह में 21 लोग पकड़े गए। गिरोह का खुलासा करने में एसओजी के आईजी दिनेश एमएन, एएसपी करन शर्मा व ललित शर्मा की अहम भूमिका रही।

    अब जिम्मेदारी वकीलों के संगठनों पर

    इस हाईप्रोफाइल गैंग में चार वकील पकड़े जा चुके हैं। जयपुर बार एसोसिएशन नवीन व नितेश की सदस्यता रद्द कर चुकी है। अब इनकी प्रेक्टिस रद्‌द करने की मांग उठ रही है। यह निर्णय बार कौंसिल को करना है। लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। नितेश बंधु सहित कई आरोपियों पर अलग-अलग अपराधों में 10 से 15 तक मामले दर्ज हैं। इनकी एसओजी व पुलिस की ओर से हिस्ट्रीशीट भी खोलने की तैयारी है।

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