16 साल की नाबालिग से रेप मामले में ऐसे सलाखों के पीछे ताउम्र के लिए पहुंचा आसाराम

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    Asaram Case

    उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की 16 साल की नाबालिग युवती से बलात्कार के मामले में जोधपुर की अदालत ने धर्मगुरु आसाराम बापू को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। नाबालिग लड़की से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने आसाराम और दो सह आरोपियों को दोषी करार दिया है। यौन उत्पीड़न, मुख्यतौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया।

    अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई है और अन्य दो आसाराम के आश्रम के रसोइया प्रकाश और आसाराम के निजी सचिव रहे शिवा को बरी कर दिया गया। शरद छिंदवाड़ा आश्रम के निदेशक थे जहां नाबालिग लड़की पढ़ाई करती थी। वहीं, शिल्पी गुप्ता छिंदवाड़ा स्थित आसाराम आश्रम की वॉर्डन थीं। आइये जानते हैं कुछ वर्षों पहले तक लोगों के चमत्कारी भगवान माने जाने वाले आसाराम बापू सलाखों के पीछे कैसे पहुंचे और कैसे इस पूरे मामले का खुलासा हुआ..

    अगस्‍त, 2013 में 16 बर्षीय नाबालिग से इलाज के बहाने किया रेप, फिर दर्ज हुई एफआईआर

    आसाराम पर आरोप था कि जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में अगस्त, 2013 में उन्होंने 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का रेप किया था। इस नाबालिग लड़की के माता-पिता आसाराम के भक्त थे। एक दिन आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम के स्कूल में जब लड़की अचानक गिर गई थी तो माता-पिता आश्रम के अधिकारियों की सलाह पर इलाज के लिए आसाराम के जोधपुर आश्रम लेकर गए थे। पुलिस के मुताबिक लड़की के माता-पिता से कहा गया था कि लड़की पर भूत-प्रेत का साया है और उसका इलाज आसाराम बापू ही कर सकते हैं। पीड़िता के पुलिस को दिए बयान के मुताबिक जब लड़की जोधपुर के आश्रम में पहुंची तो वहीं आसाराम ने उसके साथ बलात्कार किया था। पीड़िता के अनुसार, वर्ष 2013 के अगस्‍त माह में जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था। दो दिन के बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली जाकर कमलानगर थाने में 19 अगस्त, 2013 आसाराम के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।

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    आसाराम पर जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज होने के बाद केस जोधपुर किया ट्रांसफर

    पुलिस के समन के बावजूद आसाराम को कोई फर्क नहीं पड़ा और वो हाजिर नहीं हुए। जब वो हाजिर नहीं हुए तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 342, 376 और 506 के तहत केस दर्ज किया। इस दौरान आरोप लगे कि आसाराम पुलिस से बचने के सारे हथकंडे अपनाते रहे। यहां तक कि लड़की के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाया गया था। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद केस राजस्थान पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। राजस्थान पुलिस ने आसाराम को पूछताछ के लिए 31 अगस्त, 2013 तक का समय देते हुए समन जारी किया। आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ था। जोधपुर सेशन कोर्ट में आसाराम के खिलाफ केस चला कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। आसाराम एक अन्य महिला के बलात्कार के मामले में भी अभियुक्त हैं जिसका मुकदमा अलग से चल रहा है।

    1 सितंबर, 2013 को राजस्थान पुलिस ने इंदौर से किया आसाराम को गिरफ्तार Asaram Case

    अगस्त-सितंबर, 2013 में जब आसाराम बापू इंदौर में प्रवचन देने पहुंचे थे, तब पुलिस पूरी फोर्स के साथ उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, पंडाल के बाहर आसाराम के समर्थकों ने पुलिस से मारपीट भी की। भारी हंगामे के बीच 1 सितंबर 2013 को आसाराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जोधपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। अदालत में मुकदमे की तफ्तीश के दौरान आसाराम पर लगे आरोपों की पर्त एक के बाद एक खुलती गईं। आरोपों की आंच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुंची, कई महीनों की लुकाछीपी के बाद नारायण साईं को भी गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

    गवाहों को धमकाने व उनकी हत्या कराने के आरोप लगे, 3 गवाहों की हो चुकी है हत्या Asaram Case

    जेल में रहने के बाद भी आसाराम पर गवाहों को धमकाने, उनकी हत्या कराने के आरोप लगते रहे हैं। आसाराम भले ही जेल में रहे, लेकिन आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले कई लोगों पर हमले हुए और 3 कुछ गवाहों की हत्या भी हो चुकी है। इस मामले में पीड़िता पक्ष के 58 और आरोपी पक्ष के पचास गवाह थे। पीड़िता पक्ष की ओर से छह मुख्य गवाह हैं, इनमें पीड़िता के पिता, मां, कृपाल सिंह, राहुल सचान, महेंद्र चावला और मध्य प्रदेश की सुधा पटेल शामिल हैं। सुधा पटेल ने बाद में कोर्ट में आसाराम के पक्ष में बयान दे दिया था। आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले एक मुख्य गवाह वैद्य अमृत प्रजापति की मई 2014 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं मुजफ्फरनगर के रहने वाले गवाह अखिल गुप्ता की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा गवाह कृपाल सिंह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। Asaram Case

    मामले में आसाराम को नहीं मिली एक भी बार जमानत Asaram Case

    77 वर्षीय आसाराम जेल में चार से अधिक साल से बंद है। इस मामले में जमानत के लिए आसाराम ने कई प्रयास किए। उनके वकील राम जेठमलानी से लेकर सुब्रमण्यम स्वामी तक रहे लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली। आसाराम की जमानत याचिका अब तक खारिज होती रही हैं। अब तक के उनके सभी 12 प्रयास विफल रहे हैं। 7 अप्रैल को विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था। एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है। पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया था। Asaram Case

    कौन हैं आसाराम बापू? Asaram Case

    आसाराम बापू धार्मिक उपदेश देने वाला धर्मगुरु हैं। उन्होंने 19 देशों में क़रीब 400 आश्रम खड़े किए हैं और माना जाता है कि उनके भक्तों की संख्या लगभग चार करोड़ है। आसाराम का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 1941 में हुआ था। विभाजन के बाद वो भारतीय गुजरात में आकर रहने लगे। 45 साल पहले गुजरात में उन्होंने अपना पहला आश्रम बनाया। उसके बाद से ही उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही और बड़े-बड़े लोग भी उनके भक्तों की श्रेणी में शुमार रहे हैं। गौरतलब है कि साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

    धर्मगुरु आसाराम और पीड़िता नाबालिग लड़की की वार्ता..

    आसाराम- हम तुम्हारा भूत उतार देंगे। तुम कौन सी क्लास में पढ़ रही हो?

    पीड़िता- बापू, मैं सीए करना चाहती हूं।

    आसाराम- सीए करके क्या करोगी तुम। बड़े से बड़े अधिकारी मेरे पैरों में पड़े रहते हैं। तुम तो बीएड करके शिक्षिका बनो। तुम्हें अपने गुरुकुल में शिक्षिका लगा दूंगा। इसके बाद में प्रिंसिपल भी बना दूंगा। अभी तुम पर भूत का साया है। तुम रात को वापस आओ। तुम्हारा भूत उतारूंगा।

    पीड़ित लड़की- ठीक है बापू।

    इसके बाद पीड़िता वहां से चली जाती है। 15 और 16 अगस्त 2013 की रात उसे कुटिया के अंदर बुलाया जाता है। कुटिया में रसोइया एक गिलास दूध लेकर आया। इसके बाद आसाराम ने लड़की के साथ वो किया, जो नहीं करना चाहिए था। आरोप है कि लड़की का यौन उत्पीड़न करने के बाद आसाराम ने उसको जान से मारने की धमकी भी दी थी।

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