राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की मौत पर राजनीति कर राजपूत समाज के ढोंगी नेताओं द्वारा अपनी ज़मीन तलाशने के लिए तीन दिन पहले किये गए हिंसक प्रदर्शन में इन नेताओं और इनके समर्थकों ने देश की क़ानून व्यवस्था की ऐसी धज़्ज़ियाँ उड़ाई कि लगा ही नहीं कि इन लोगों का भारतीय संविधान से कोई पैरोकार है।
अपने इस प्रदर्शन में इन लोगों ने ऐसी हरकतें की जिससे हमारे प्रशासन के साथ ही पूरी मानवता भी शर्मिंदा हो गई। 12 तारीख़ को तीन दिन पहले हुए इस तमाशे में हुड़दंगियों ने एक महिला आईपीएस अधिकारी से बदसलूकी कर भारतीय समाज के नारी सम्मान को चोट पहुंचाई। इस महिला पुलिस अधिकारी को घेरकर इन लोगों ने अपनी नीचता दर्शाने की कोशिश की। लेकिन महिला पुलिस की अधिकारी बच निकली।
वाहन पलटा, मारपीट की, दुर्व्यवहार किया:
प्रदेश के नागौर ज़िलें के सांवराद गाँव में हुए हिंसक हंगामें में राज्य की सहायक पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) मोनिका सैन के साथ उत्पात मचा रही भीड़ ने बहुत ही भद्दा व्यवहार किया। हिंसा पर उतारू भीड़ ने मोनिका सैन के सरकारी वाहन को पलटने की कोशिश की। अपना बचाव करने के लिए आईपीएस सैन वाहन से उतर गई। इस दौरान हुड़दंगियों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। महिला आईपीएस के सुरक्षाकर्मी ने जब उनका बचाव किया तो सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की। बाद में उनका वाहन पलट दिया। इस दौरान हुड़दंगियों ने नागौर एसपी के वाहन में आग लगा दी। मारपीट करते हुए सुरक्षाकर्मी शंकर सिंह से उसकी पिस्टल और वायरलैस सेट छीन लिया। नागौर के एसपी पारिस देशमुख से भी धक्का-मुक्की की और उनके गनमैन से एके -47 व वायलैस सेट छीन लिया।
खुशकिस्मती से इज़्ज़त और जान बचाई:
प्रदर्शन स्थल से किसी तरह बचकर लौटी आईपीएस मोनिका सैन ने मीडिया को बातचीत में बताया कि वह खुशकिस्मत रही जो हिंसा पर उतारू हुड़दंगियों की उस भीड़ से बचकर वापस आ गई। महिला अधिकारी ने बताया कि भीड़ से बचकर वह भागने लगी और आगे जाकर पास ही के एक रिटायर्ड फौजी के मकान में शरण ली। इस तरह अपनी आबरू और जान बचाई। बाद में जब पुलिस का जाब्ता वहां पहुंचा तब वह मकान से बाहर आईं। वार्ता में उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा की गई मारपीट में उन्हें और उनकी सुरक्षा में तैनात शंकरसिंह के चोटें आई।
प्रदेश के नारी गौरव को कलंकित किया:
राजस्थान की यह धरती जो रजपूती के सतीत्व के लिए इतिहास में जानी जाती है ऐसी धरा पर राजपूत समाज के लोगों द्वारा किया गया यह कुकर्म प्रदेश के नारी गौरव को कलंकित करता है। किसी अपराधी की आड़ में राजनीति कर राजपूतों ने पहले ही अपना ओहदा गिरा लिया था। उसके बाद इस तरह की नामर्दाना हरकत से राजस्थान की माटी लजाई है इन लोगों ने। देश और सम्मान के लिए मर-मिटने वाली इस कौम के कुछ लोगों ने अपने राजपूती धर्म के साथ ही मानव धर्म का भी परित्याग कर दिया।