आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू ने 20 दिन तक अंतिम संस्कार को तरस रही अपने पिता की देह के नहीं किये दर्शन, ये है कारण

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    राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार दो दिन पहले हो गया। आनंदपाल के मरने के 20 वें दिन उसकी देह का दाह संस्कार किया गया था। इन 20 दिनों में आनंदपाल के घर पर समाज के राजनैतिक नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। इन नेताओं ने इन दिनों में जमकर राजनीति की। देशभर के राजपूत समाज को इस दौरान भड़काया गया। इन 20 दिनों के तमाशें में ख़ास बात यह रही कि आनंदपाल की बड़ी बेटी अपने पिता की मृत देह को देखने तक नहीं आयी। आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू अभी दुबई रह रही है। इतने दिन तक वह झूठी संवेदना बटोरने के लिए अपनी ऑडियो क्लिप भारत भेजती रही। लेकिन भारत आकर अपने पिता की मृत देह के अंतिम दर्शन भी नहीं किये।

    पिता के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाई:

    चीनू करीब दो साल से दुबई में रह रही है। 2015 में जब सुनवाई के लिए जाते समय आनंदपाल सिंह फरार हो गया था, उसके बाद से चीनू दुबई में है। अपने पिता आनंदपाल की मौत के बाद भी चीनू ने दुबई से ही सांवराद के नेताओं के साथ संपर्क साधा रखा। चीनू ने इतने दूर से ऑडियो क्लिप भेज-भेज कर राजस्थान में राजपूत समाज के लोगों से झूठी संवेदना बटोरी है। आनंदपाल की लाश 20 दिनों तक उसके घर में ही पड़ी थी। लेकिन उसकी बड़ी बेटी चीनू अपने पिता की देह के आख़िरी दर्शन करने भी नहीं आयी। देखने भी दुबई से नहीं आ पाई।

    यहाँ मानवता और रिश्तों के लिहाज़ पर सवाल उठता है कि आखिर वह कितनी निर्दयी बेटी होगी जो अपने पिता की देह के अंतिम दर्शन को भी नहीं आ पायी। यह सवाल अपने साथ एक कड़ी को जोड़ता है कि क्या बेटी ने भी समाज के सौदागरों के साथ मिलकर अपने पिता की लाश पर राजनीति करनी चाही?

    पुलिस को है चीनू की खोज, अपने पिता के साथ कई मुकदमों में आरोपी:

    राजस्थान पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार आनंदपाल की बड़ी बेटी चरणजीत सिंह चौहान उर्फ़ चीनू अपने पिता आनंदपाल सिंह के साथ कई अपहरण और फिरौती के मामलों में आरोपी है। इसके साथ ही साल 2015 में नागौर के लाडनूं में पेशी से लौटते वक्त जब आनंदपाल सिंह पुलिस की हिरासत से फरार हुआ था तब भी इस मामले में चीनू की संदिग्ध भूमिका बताई गयी थी। दरअसल 2015 में आनंदपाल के पेशी से लौटते समय पूर्वनियत योजनानुसार परबतसर के पास बदमाशों ने पुलिस वैन को घेर कर फायरिंग कर दी थी। इस फायरिंग में 8 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस तरह अपनी गैंग की मदद से आनंदपाल फरार हो गया था। इस गैंग को ऑपरेट करने के आरोप चीनू पर है। पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार आनंदपाल की पहली हत्या वारदात जीवनराम गोदाराम हत्याकांड के गवाहों को मैनेज करने के लिए चीनू ने अपने पिता के साथ मिलकर यह फरारी की पूरी प्लानिंग की थी।

    इन आरोपों का आंकलन करने पर पता चलता है कि गैंगस्टर पिता की यह बेटी भी अपराध की दुनिया में जगह बना चुकी थी। शायद यहीं कारण हो सकता है कि चीनू दुबई से भारत नहीं आयी और अपने पिता की देह के अंतिम दर्शन नहीं किये।

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