आनंदपाल एनकाउंटर: जानिए Teacher बनने की ख्वाहिश रखने वाला पप्पु कैसे बना कुख्यात Gangster आनंदपाल सिंह

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    राजस्थान में अपराध का पर्याय बना कुख्यात आनंद पाल सिंह अब इस दुनिया में नही है। राजस्थान में गैंगवॉर को जन्म देने वाले पप्पु यानी आनंदपाल सिंह की पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर में मौत हो गई और जो कभी दूसरों को मौत की गहरी नींद सूलाने का काम करता था वो खुद खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल सिंह का पहला शौक रहा है। खतरनाक हथियारों के दम पर आनंदपाल राजस्थान के अपराध जगत का मसीहा बनने की कोशिश कर रहा है। लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज थे। आनंदपाल राजस्थान पुलिस ही नही बल्कि देश के पांच राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड था। आईये जानते है नागौर जिले के सांवराद गांव के साधारण से परिवार के पप्पु के खौप का पर्यायवाची आनंदपाल बनने की क्या है कहानी।

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    अध्यापक बनने की थी ख्वाहिश, लेकिन किस्मत ने बनाया अपराधी

    कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले कि लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था। गांव का साधारण सा दिखने वाला पप्पु सरकारी अध्यापक बनकर अपने गांव और बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने की ख्वाहिश रखता था। आनंदपाल ने अपनी 12वीं की पढ़ाई के बाद बी.ए और फिर बी.एड़ भी की थी। लेकिन साल 2006 से ही वह सामाजिक कुचक्रों में फंसकर अपराध जगत में शामिल हो गया। आनंदपाल पर दो दर्जन से ज्यादा गंभीर आपराधिक मामले चल रहे थे। आनंदपाल सिंह अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद से काफी इम्प्रेस था वह अक्सर दाउद पर लिखी किताबें पढ़ता था। राजस्थान का यह फैशनेबुल डॉन को पार्टिज पसंद थी और दाउद को कॉपी भी करता था। इस कुख्यात गैंगस्टर की कमाई का जरिया तस्करी, फिरौती, लूट, हत्य़ा जैसे घिनौने काम रहे है।

    वो था आनंदपाल का अपराध की दुनिया में पहला कदम

    आनंदपाल सिंह ने अपराध की दुनिया में पहला कदम साल 2006 में रखा था। यह पहला कदम ही इतना खुंखार था कि जिसकी किसी ने कल्पना भी नही की  थी। हालांकि कहानी तो 1997 से ही शुरू हो जाती है। जब कुख्यात शराब माफिया बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट दोस्त हुआ करते थे। 2005 मे एक मर्डर ने दोनों दोस्तों के बीच दुशमनी की खाई बन गई। सीकर के जीणमाता में शराब के ठेके पर बानूड़ा के साले विजय पाल से राजू ठेहट की बहस हुई और इस बहस के बाद ठेहट ने विजयपाल को गोलियों से भून दिया। इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए और कुछ दिन बाद बानूड़ा की गैंग में सांवराद का आनंदपाल शामिल होता है। तो इनके आतंक ने दहशत फैला दी। इसके बाद साल 2006 में अपने ही गांव के जीवनराम गोदारा की ताबड़तोड़ गोलियों से हत्या कर आनंदपाल अपराध की दुनिया का नया नाम बना।

    गोदारा और फोगावाट जैसे मामलों ने बनाया कुख्यात गैंगस्टर

    राजस्थान के इस कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल पर दो दर्जन से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। इन मामलों में लूट, हत्या, डकैती, गैंगवार,जैसे 30 से ज्यादा मामले दर्ज हुए। साल 2006 से अपराध जगत में शामिल हुआ आनंदपाल अपने आपराधिक ग्राफ को लगातार बढ़ा रहा था। माना जा रहा था कि कई नेताओं के भी आनंदपाल से नजदीकी संबंध थे। गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है। 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था। इसके अलावा सीकर के गोपाल फोगावाट हत्याकांड को भी आनंदपाल ने ही अंजाम दिया था।

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