जयपुर। राजस्थान के 90 निकायों में डिप्टी मेयर, उपसभापति और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान के बाद परिणाम आ गए है। राजस्थान निकाय चुनाव में कांग्रेस से बाजीमार ली है। अब कांग्रेस की अगली चुनौती उपचुनाव में तरह करना होगी। निकाय चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद अब कांग्रेस ने पूरा फोकस इन उपचुनाव पर कर दिया है। कांग्रेस पर इन उपचुनाव में जीत हासिल करने का दबाव इसलिए ज्यादा होगा। क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और नतीजे पक्ष में नहीं आते हैं तो गहलोत सरकार के कामकाज पर सवाल उठेंगे। वहीं, प्रदेश की जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं उनमें से तीन पर कांग्रेस ही काबिज थी। ऐसे में कम से कम इन तीन सीटों पर चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए जरुरी होगा। कांग्रेस ने इसके लिए समय रहते तैयारियां शुरू कर दी हैं और इन सीटों पर एक.एक प्रभारी मंत्री समेत चार.चार लोगों की टीम पहले ही नियुक्त की जा चुकी है। हालांकि उपचुनाव को लेकर भाजपा भी खासी ताकत झोंक रही है।
इन सीटों पर होने वाले है उपचुनाव
प्रदेश की जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें राजसमंद, सुजानगढ, सहाड़ा और वल्लभनगर शामिल हैं। हाल ही में हुए निकाय चुनाव में राजसमंद में कांग्रेस का बोर्ड बना है, जबकि यहां से भाजपा की किरण माहेश्वरी विधायक थीं। जबकि बीदासर नगरपालिका में भाजपा का बोर्ड बना है। बीदासर नगरपालिका सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तहत आती है जहां से कांग्रेस के मास्टर भंवरलाल मेघवाल विधायक थे। इसी तरह सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली गंगापुर नगरपालिका में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय अध्यक्ष जरुर बने हैं। लेकिन यहां बहुमत भाजपा के पास था। जबकि सहाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी विधायक थे। इसके अलावा वल्लभनगर विधानसभा के तहत आने वाली भिंडर नगरपालिका में जनता सेना की निकाय प्रमुख बनी हैंण् जबकि यहां से कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह शक्तावत विधायक थे।