दुनिया भर की सरकारों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता हैं स्थानीय जनता की सुरक्षा। राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को अपराध जगत से बचाने और प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों को कम करने के लिए देश का पहला हाईटेक पुलिस कंट्रोल रूम यानी अभय कमांड सेंटर की अवधारणा जयपुर में लेकर आई हैं। मुख्यमंत्री राजे प्रदेश के निवासियों को सुरक्षा के साथ आत्मसम्मान का जीवन प्रदान करना चाहती हैं जिसके चलते इस अभय कमांड सेंटर का जयपुर में उद्धाटन किया गया हैं।
अभय कमांड सेंटर से प्रदेश के निवासियों, संगठनों और संस्थानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस कॉसेप्ट का डिजाइन तैयार किया हैं। अब आप जब आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने जा रहे हो तो जरा बचना क्योंकि हो सकता हैं आप पर पुलिस की तीसरी आंखे निगाहे जमा कर बैंठी हो। अभय कमांड सेंटर से प्रदेश में सामाजिक समरसत्ता, कानून व्यवस्था जैसे कार्यों को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी ।
अभय कमांड सेंटर राज्य के सात संभाग मुख्यालयों में भी खोला जाएगा। इस प्रणाली के जरिए वीडियो निगरानी, डायल -105 नियंत्रण प्रणाली, कंप्यूटर सहायता प्रेषण, समग्र यातायात प्रबंधन प्रणाली, साइबर फोरेंसिक लैब और डाटा सेंटर जैसे मामलों में एक साथ समग्र और एकीकृत निगरानी एवं प्रतिक्रिया प्रबंधन किया जा सकेगा। आने वाले अप्रेल माह में अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में भी इसकी स्थापना की जाएगी।
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क्या खास होगा इस अभय कमांड सेंटर में
कंप्यूटर सहायता प्रेषण प्रणाली
मुख्यमंत्री राजे द्वारा उद्घाटन किया गया अभय कमांड सेंटर देश भर में कुछ खास होगा। इसमे कंप्युटर सहायता प्रेषण प्रणाली के तहत कंट्रोल रूम में फोन करने वाले की जिओग्राफिकल लॉकेशन को सर्च करेगा। ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रेकिंग, नजदीकी पुलिस पेट्रोलिंग वेन को सर्च करना, आपराधिक घटना या आवश्यकता की लॉकेशन पर पेट्रोलिंग वेन को ऑटोमेटिक भेजना,पुलिस का रेस्पॉंडिग सिस्टम और वॉयस कम्युनिकेशन जैसे सिस्टम आते हैं ।
समग्र यातायात प्रबंधन प्रणाली( ITMS)
समग्र यातायात प्रबंधन प्रणाली के तहत पुलिस कम से कम मेन पावर के साथ आसानी से यातायात व्यवस्था को संभाल सकेगी। इस प्रणाली में सड़कों पर हाई स्पीड़ से चलने वाले वाहनों की नंबर प्लेट की पहचान करेगी। ऑवर स्पीड़ लिमिट को कंट्रोल किया जा सकेगा। रेड़ लाईट का उल्लंघन, स्टोप लाइन का उल्लंघन, ई-चालान सिस्टम के साथ चोरी हुए वाहनों व खोए हुए वाहनों को आसानी से ढूंढा जा सकेगा।
इसके अलावा अभय कमांड सेंटर में फॉरेंसिक इंवेस्टिगेशन लैब, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, सबुतों का डिजिटलीकरण प्रबंध, आपराधिक गतिविधि प्रभावी क्षेत्र व पुलिस प्रबंधन, फेस पहचान जैसी प्रणाली को विकसित किया गया हैं।