राजस्थान में वसुंधरा सरकार के साथ विकास की ओर अग्रसर जनता को देखकर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही विपक्षी पार्टियों की हवा निकलती जा रही है। इतने दिनों से बड़े हल्लेबाज़ी और शोर-शराबें से राजस्थान की राजनीति में कदम रखने जा रही आम आदमी पार्टी (आप) के हौंसले सरकार के सुराज के सामने पस्त हो गए है। आम आदमी पार्टी ने अब राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों से दूर हट जाने की ठान ली है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि अब ‘आप’ राजस्थान की राजनीति में भाग्य आज़माने की कोशिश नहीं करेगी। अभी कुछ महीनें पहले ही आप ने अपने राष्ट्रीय स्तर के नेता कुमार विश्वास को राजस्थान चुनावों के लिए प्रभारी बनाया था। लेकिन राजस्थान में भाजपा की लहर देखते हुए आप पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। आम आदमी पार्टी ने इस साल होने वाले गुजरात विधानसभा के चुनावों से दूरी बनाने के बाद यह फैंसला लिया है।
राजस्थान में इस समय भाजपा का सुशासन रोकना मुश्किल:
राजस्थान की वर्तमान राजनीती पर नज़र डाले तो ज्ञात होता है कि राजस्थान के आधुनिक राजनैतिक इतिहास की यह अब तक की सबसे मज़बूत सरकार है। प्रदेश की राजनीति में अब तक भाजपा और कांग्रेस के अलावा किसी तीसरी पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा। राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार ने जिस तरह से जनहित को ध्यान में रखकर पिछले तीन सालों में काम किया है, उसे देखकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी आगामी चुनावों में अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोज़हद कर रही है। ऐसे में यदि आप राजस्थान विधानसभा चुनाव में दावेदारी करती तो इसके नेताओं को जमानत ज़ब्त करानी पड़ सकती थी। भविष्य में निश्चित, इस हार से आशंकित हो आम आदमी पार्टी ने पहले ही राजस्थान के चुनावों से हट जाने का फैंसला ले लिया।
अगले साल आख़िर में होंगे राजस्थान सहित कई राज्यों में चुनाव:
देश के कई राज्यों में साल 2018 के आख़िर में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक समेत पूर्वी भारत के नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम राज्य शामिल है। आम आदमी पार्टी का वज़ूद इनमे से किसी राज्य में नहीं है। अभी कुछ महीने पहले गोवा के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिल चुकी है। जहाँ पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी।
मध्यप्रदेश में करेगी ज़ोर-आजमाइश:
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल के अनुसार अब पार्टी अगले वर्ष मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपनी ऊर्जा व समय को झोंकने जा रही है। राजस्थान का सपना छोड़ अब पार्टी मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश में बूथ स्तर पर पार्टी अपने को मज़बूत करने के प्रयास कर रही है।