राजस्थान में ओपीडी-इमरजेंसी बंद, स्ट्रेचर पर दर्द से कहराते रहे मरीज

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जयपुर। राजस्थान में बीते कुछ दिनों से राइट टू हेल्प बिल को लेकर सरकार और डॉक्टर लड़ रहे हैं। लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इस बिल को लेकर रेजिडेंट और प्राइवेट हॉस्पिटल के करीब 6000 डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।

ऑपरेशन टले, स्ट्रेचर पर दर्द से कहराते रहे मरीज
रेजिडेंट्स के कार्य बहिष्कार से बुधवार को एसएमएस हॉस्पिटल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में हेल्थ सर्विसेज गड़बड़ा गई। ऑपरेशन टाल दिए गए, मरीज स्ट्रेचर पर दर्द से कहराते रहे। ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी है। डॉक्टर को दिखाने के लिए तीन घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। मरीज परेशान हो रहे हैं।

एसएमएस हॉस्पिटल में मरीजों की भीड़
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि सभी फेकल्टी मेंबर को ओपीडी में लगाया है। भीड़ बहुत ज्यादा है, मरीजों का टेस्ट कर दवा दी जा रही है। इमरजेंसी केस होने में वहीं पर पूरा ट्रीटमेंट दे रहे हैं और इसके बाद वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। इमरजेंसी में नर्सिंग स्टाफ और इंटर्न को लगा रखा है। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स नहीं होने पर काम का प्रेशर काफी ज्यादा है, लेकिन पूरी टीम बेहतर तरीके से मैनेज कर रही है।