राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हमेशा से ही एक सेवाभावी एवं कोमल ह्दय महिला और साफ छवि वाली सख्त राजनीतिज्ञ के तौर पर जानी जाती है। वर्ष 2003 में राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य उन्हें ही जाता है। बीते विधानसभा चुनावों के बाद राजे ने दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभाला है और लगातार चार वर्षों तक पूरी निष्ठा के साथ उसका निर्वाह किया है।
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इस दौरान न केवल उन्होंने साफ चित से अपने पद की गरिमा व गौरव का ध्यान रखा है, अपितु प्रदेश को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की सौगात दी है। उनके कार्यकलापों की बदौलत ही आने वाले चुनावों में फिर से उनके जीतने की पूरी उम्मीद की जा सकती है। आइए, जानते हैं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की जिंदगी से जुड़े 10 अहम तथ्यों के बारे में ….
- मशहूर ग्वालियर राजघराने की बेटी के रूप में वसुन्धरा राजे का जन्म 8 मार्च, 1953 को मुंबई में हुआ है।
- राजे के पिता का नाम जीवाजी राव सिंधिया और माता विजय राजे सिंधिया है। उनकी मां विजय राजे की गिनती भाजपा के प्रमुख नेताओं में होती थी।
- वसुंधरा राजे की स्कूली शिक्षा प्रजेंटेशन कांन्वेंट स्कूल कोडिकनाल में हुई है। मुंबई के सोफिया कॉलेज से उन्होंने अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान से स्नातक की है।
- गौर करने वाली बात यह है कि उनके दिवगंत भाई माधव राव सिंधिया कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे, जबकि राजे खुद भाजपा की नेता हैं। काग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके भतीजे हैं जबकि राजे की छोटी बहन यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री हैं।
- वसुंधरा राजे की शादी राजस्थान के धौलपुर राजघराने के महराजा हेमंत सिंह से हुई थी।
- वसुंधरा राजे की राजनीतिक करियर की शुरूआत 1984 में हुई जब वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य बनीं। अपने बेहतर कार्यों के दम पर सभी को प्रभावित किया और एक साल बाद 1985 में राजस्थान भाजपा के यूथ विंग की उपाध्यक्ष बनीं। उसी साल धौलपुर से विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान के 8वीं विधानसभा की सदस्य भी बनीं।
- राजे वर्ष 1998 में 12वें लोकसभा चुनाव झालवाड संसदीय क्षेत्र से जीतीं। इसी साल वह वाजपेयी सरकार में विदेश राज्य मंत्री के रूप में शामिल हुईं। 1999 के एनडीए की सरकार में एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री बनी।
- 8 दिसम्बर, 2003 को वसुन्धरा राजे ने राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए इतिहास रच दिया।
- वसुन्धरा राजे की गिनती सख्त छवि के प्रशासक के रूप में है। वह सख्ती से राजनीति करने और नियमों का पालन कराने के लिए जानी जाती हैं। अकसर उनकी शर्तों के आगे केंद्रीय नेतृत्व को ही समझौता करना पड़ता है। राजे समय—समय पर दिल्ली के दौरे कर केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात करती रहती हैं। इसी का परिणाम है कि राजस्थान को करोड़ों रूपए की सौगातें मिलती रही हैं।
- वसुन्धरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं और लोकसभा के सदस्य हैं।