30 दिसम्बर को मुम्बई में फिल्म सेंसर बोर्ड की एक बैठक हुई। इस बैठक में विवादित फिल्म पद्मावती को रिलीज करने को लेकर गहन विचार विमर्श हुआ। sukhdev singh gogamedi
इस विचार विमर्श के बाद फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली को निर्देश दिए गए कि फिल्म में 26 कट्स लगाए जाए यानि 26 विवादित सीन हटाए जाए। फिल्म का नाम पद्मावती के बजाए पद्मावत रखा जाए।
इसी प्रकार घूमर डांस में भी अनेक बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय से पहले सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने राजस्थान के चित्तौड़ राजघराने के सदस्यों को भी बुलाया था। sukhdev singh gogamedi
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फिल्म के जिन दृश्यों पर राजघराने के सदस्यों ने आपत्ति की उन्हें भी हटाने के लिए कहा गया है। निर्देशक को यह भी बताने को कहा गया कि वे इस फिल्म को किसी श्रेणी की फिल्म मानते हैं। sukhdev singh gogamedi
बोर्ड ने निर्णय लिया कि यदि इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप फिल्म को दोबारा से सेंसर बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो इस फिल्म में यू/ए सर्टिफिकेट दिया जा सकता है। इस बैठक के बाद फिल्मकार अशोक पंडित ने उम्मीद जताई कि अब यह फिल्म रिलीज हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिल्म प्रेमी इस फिल्म को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रुपए की लागत वाली यह फिल्म जल्द ही रिलीज होगी। sukhdev singh gogamedi
गोगामेडी का विरोध:
वहीं दूसरी ओर फिल्म सेंसर बोर्ड के उक्त निर्णय का श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में संशोधन राजपूत समाज स्वीकार नहीं। हमने पहले ही यह मांग की है कि इस फिल्म को रद्द कर दिया जाए। यदि इसके बाद भी इस फिल्म को चलाया गया तो सिनेमा घरों के मालिकों को परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि करणी सेना अपने पूर्व बयान पर अभी भी कायम है। sukhdev singh gogamedi
राजस्थान ही नहीं बल्कि देश भर में इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फिल्म राजपूत समाज के साथ-साथ सर्वसमाज की भावनाओं के खिलाफ है।
-एस.पी.मित्तल sukhdev singh gogamedi