आपात सेवाओं को मिला 100 एम्बुलेंसों का सहारा, इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस योजना से बेहतर हुई चिकित्सा व्यवस्था

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राजस्थान में आपातकालीन सेवाओं के दौरान चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए 24 घंटे तैनात एंबुलेंस सेवा अब और मजबूत होने जा रही हैं। जहां पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 108 एंबुलेस घोटाला कर प्रदेश की जनता को लूटने का कार्य किया वहीं राजे सरकार ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए एंबुलेंस के बेडें में 100 नई एंबुलेस खरीद कर शामिल करने जा रही हैं। इन 100 एंबुलेंसों के साथ ही अब राजस्थान के पास कुल 1500 एंबुलेंस  हो जाएंगी जिससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को एक नया संबल मिलेगा और राजस्थान की जनता को राहत।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से राजस्थान देश में अग्रणी बनता जा रहा हैं। हाल ही में राजे सरकार ने इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस योजना शुरु की हैं। इस योजना से प्रदेश की सभी एंबुलेंसों को अलग-अलग सेवाओं की जगह एकीकृत कर सभी सेवाओं के लिए काम में लेना शुरु कर दिया हैं। इन सभी सेवाओं के लिए राज्य सरकार ने एक ही कंट्रोल रुम बनाया है ताकि सभी चिकित्सा सेवाएं एक जगह से सुचारु रुप से संचालित की जा सकें।

इंटीग्रेटेड एंबुलेस योजना

राजस्थान सरकार की एंटीग्रेटेड  एंबुलेंस योजना प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की ओर एक कदम हैं। इस योजना से जरुरत मंद हर प्राणी को एंबुलेंस मिल सकेंगी और समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सकेगी। प्रदेश में 180 आपातकालीन एंबुलेंस और 104 बेस एंबुलेस कार्यक्रत थी लेकिन मुख्य़मंत्री वसुंधरा राजे ने सभी को चिकित्सा  सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 108 और 104 एंबुलेंस सेवाओं को मर्ज कर एक नई चिकित्सा व्यवस्था शुरु की है जो कि इंटीग्रेटेड एंबुलेंस योजना के नाम से हैं।

1500 एंबुलेंसों  का हो गया है बेड़ा

राजस्थान के चिकित्सा विभाग के पास अब 1500 एंबुलेसों का बेड़ा हो गया हैं। पहले विभाग के पास 1400 एंबुलेंसे थी जो कि अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत थी लेकिन मुख्यमं राजे ने इंटीग्रेटेड एंबुलेस योजना के तहत चिकित्सा विभाग को 100 नई एंबुलेस खरीद कर दी है जिससे एंबुलेसों की संख्यां में बढोत्तरी हुई हैं । विभाग के पास पहले 108 और 104 एंबुलेस थी जो कि अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर रही थी लेकिन अब आपातकालीन ओऱ बेस एंबुलेंस को मर्ज कर दिया हैं जिससे हर किसी को प्राथमिकता मिलेगी व बेहतर चिकिस्ता सुविधा मुहैया हो सकेगी।

आवश्यकता के अनुरूप हो रहा है काम

राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इंटीग्रेटेड एंबुलेस योजना शुरु की। आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के अलावा जननी एक्सप्रेस और बेस एंबुलेंस की 1400 एंबुलेंसे आवश्यकता के अनुरूप कर रही है लेकिन अब 100 नई एंबुलेंसों के आने से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं को मजबूती मिलंगी। उम्मीद जताई जा रही है की आगामी कुछ महीनों में यह एंबुलेंस प्रदेश के विभिन्न जिलों में निर्धारित क्षेत्रों में कार्य करने लगेगी।

जीपीएस से रहेगी हर एंबुलेंस पर नजर

इंटीग्रेटेड एंबुलेंसों पर चिकित्सा विभाग ने जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी कर ली हैं। अब सभी एंबुलेंसों पर जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम से नजर रखी जा सकेगी। इन एंबुलेंसों की लोकेशन की जानकारी कंट्रोल रुम पर रहेगी। जीपीएस से एंबुलेंस पायलट के मौके पर पहुंचने में देरी होने पर कार्रवाई की जा सकेगी।

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