झालावाड़ जिले की बदल गई तस्वीर
राजस्थान की पहली महिला और वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जब से झालावाड़ को अपना गृह जिला बनाया है तब से जिले में सच्चे मायने में विकास कार्य हुए हैं। इससे पहले झालावाड़ के लोगों को मूल सुविधाओं का भी टोटा था। राजे ने झालावाड़ को ऐसे समय में अपना गृह क्षेत्र बनाया जब उसे किसी ऐसे राजनेता की जरूरत थी जो झालावाड़ को जिले के रूप में पहचान दिला सके। अगर वसुंधरा राजे चाहती तो वे किसी ऐसी जगह को अपना गृह क्षेत्र बना सकती थी जहां पहले से विकास कार्य हो रहे हों, लेकिन उन्होंने झालावाड़ के लोगों को अपना समझ कर झालावाड़ को अपना चुनावी क्षेत्र बनाया। आज झालावाड़ का विकास बताता है कि उन्हें ऐसे ही राजनेता की जरूरत थी। राजे के जनहित में काम करने और दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि आज राजस्थान में झालावाड़ जिले की अपनी अलग पहचान है। झालावाड़ का विकास मुख्यमंत्री राजे और पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह के इस क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाने के बाद ही हुआ है। चिकित्सा, शिक्षा, विद्युत, सड़क निर्माण, पुल निर्माण, बाँध निर्माण, नहर, खेती के लिए सेंटर आफ़ एक्सिलेंस, पशु फ़ार्म, पर्यटन धरोहरों का संरक्षण आदि जनहित के काम मुख्यमंत्री राजे की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है।
इस वजह से हैं झालावाड़ से खास लगाव
जब राजे ने झालावाड़ को अपना राजनीतिक क्षेत्र चुना तब राज्य में झालावाड़ विकास के मामलें में पिछड़ा हुआ जिला माना जाता था। लेकिन उनके यहां आने के बाद मानों विकास को नए पंख लग गए हो। मुख्यमंत्री को खासतौर पर झालावाड़ और यहां के लोगों से काफी गहरा लगाव है। यही वजह है कि उन्होंने यहां आने के बाद कहीं ओर से चुनाव लड़ने की सोची भी नहीं। वैसे तो उन्होंने कभी किसी जिले के साथ विकास में भेदभाव नहीं किया है लेकिन झालावाड़ के प्रति उनका किस कदर लगाव है यह हर बजट में जिले को मिलने वाली सौगातों से लगाया जा सकता है।
झालरापाटन से लगातार तीसरी बार बनीं विधायक:
सीएम राजे 2003 में झालरापाटन से 12वीं विधानसभा में विधायक चुनी गईं। इससे पहले वे 5 बार सांसद और 1985 में धौलपुर से विधायक रह चुकी थी। राजे विधायक बनने से पहले झालावाड़ से सांसद भी रह चुकी है। इनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह पिछले तीन लोकसभा चुनावों में झालावाड़-बारां क्षेत्र से सांसद है। 2003 के बाद सीएम राजे 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में भी झालरापाटन से विधायक चुनी गई हैं। यह स्थानीय लोगों का प्यार और विश्वास ही है कि वे यहां से लगातार तीन बार विधायक चुनीं गई है। राजे को इस क्षेत्र से आने वाले समय में भी शायद कोई चुनौती दे सके, क्योंकि वे झालावाड़ के लोगों के दिल में बसती है। यहां की जनता का यह बेशुमार प्यार ही है कि वे यहां से रिकॉर्ड तोड़ बहुमत के साथ जीतती रही है। झालावाड़ के लोग सीएम राजे और उनके बेटे सांसद दुष्यंत द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ करते हुए नहीं थकते हैं। यह राजे के द्वारा किए गए विकास कार्यों का ही नतीजा है।
पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से उभर रहा झालावाड़
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से ही आज झालावाड़ पर्यटन की नज़र से काफी पॉपुलर हो रहा है। वसुंधरा राजे ने जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हजारों करोड़ की राशि ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के संरक्षण, जीर्णोद्धार और सौंदर्यकरण के लिए स्वीकृत की है। जिसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है। जिले में पिछले कुछ वर्षों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। आने वाले समय में जिले को और कई लाभ होने वाले हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जिले में लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। वहीं सीएम का गृह जिला होने के कारण झालावाड़ को एक नई पहचान मिली है। झालावाड़ के लोगों के लिए इससे बड़ी ओर क्या बात हो सकती है।
झालावाड़ ही रहेगा आगामी चुनावी क्षेत्र
सीएम राजे अपने खास क्षेत्र के लोगों से खासा जुड़ाव रखती है। मुख्यमंत्री अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भी इसी क्षेत्र से मैदान में होंगी। किसी भी पार्टी के लिए उनके सामने प्रत्याशी खड़ा करना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। वे यहां से लगातार चौथी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से चुनाव जीतेगी। इस बात का अंदाजा यहां की जनता की बातों और जिले में किए गए विकास कार्यों से पता चलती है। झालावाड़ की जनता इस बात को अच्छे से जानती है कि वसुंधरा राजे से बेहतर कोई राजनेता उनके क्षेत्र के लिए कभी हो नहीं सकता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता यह बात एक बार फिर से साबित कर देगी कि उनके दिलों में सिर्फ वसुंधरा राजे बसती है।
Very super nice Bjp