राजस्थान विधानसभा सत्र से गुरूवार को किसानों के लिए राहतभरी खुशखबरी आई हैं। राजस्थान सरकार प्रदेश में मसाला बोर्ड की तर्ज़ पर लहसुन सहित आधा दर्जन कृषि उत्पादों के लिए बोर्ड का गठन करेगी। कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने विधानसभा में विधायक हीरा लाल नागर के प्रश्न का जवाब देते हुए ये जानकारी दी।
लहसुन को मिलेगा बढ़ावा, बनेगा एक्सपोर्ट केंद्र
सैनी ने कहा कि प्रदेश में लहसुन को बढावा देने के लिए चार जिलों को जोडकर कृषि एक्सपोर्ट केन्द्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत मसाला बोर्ड द्वारा लहसुन सहित अन्य मसालों को उत्पादकों से खरीद का कार्य नहीं किया जाता बल्कि बोर्ड द्वारा ऐसे उत्पादों के निर्यात एवं उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मसाला उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से कोई मसाला बोर्ड नहीं है केवल केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यरत बोर्ड के अधीन ही कार्य किया जाता है।
भामाशाह मंड़ी के साथ दूसरी मंडियों में भी बिकेगा लहसुन
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने विधायक के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में लहसुन की बुवाई का रकबा बराबर बढता जा रहा है। वर्ष 2016-17 में सात लाख टन से भी ज्यादा की पैदावार हुयी है और इस वर्ष आठ लाख से अधिक का उत्पादन होने की संभावना है। विधायक हजारी लाल नागर के प्याज की तरह लहसुन की फसल पर भी सब्सिडी देने की मांग पर सेनी ने कहा कि राज्य में पहली बार अन्य मसालों की तरह ही लहसुन को भी भामाशाह मंडी के अलावा अन्य मंडियों में बेचने का प्रावधान किया गया है।
लहसुन की खेती पर अनुदान देने का प्रस्ताव हुआ तैयार
भाजपा के ही प्रहलाद गुंजल ने कहा कि प्रदेश में 7 सालों से लहसुन का रकबा लगातार बढ रहा है और किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलने से उनमें निराशा व्याप्त है। इस पर सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने लहसुन पर अनुदान देने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है और यदि केन्द्र इसके लिए आधी राशि उपलब्ध करा देता है तो कृषि और सहकारिता विभाग संयुक्त रूप से वहन करेगा।