कम बारिश और रेगिस्तान के चलते हमेशा से ही पानी की समस्या से जूझने वाले राजस्थान में आज गांव-गांव ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पीने का पानी पहुंच चुका है। यहां तक की पिछले चार साल में प्रदेश के जल स्तर में वृद्धि देखने को मिली है। पिछले चार साल में ऐसा नहीं है कि राजस्थान में ज्यादा बारिश हुई हो, लेकिन दूरदर्शी सोच रखने वाली प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस सीमित बारिश में भी वो कर दिखाया है जो आजादी के बाद आज तक कोई भी सरकार राज्य के लिए नहीं कर सकी। Water Department
राजे सरकार की दूरदर्शी सोच पर शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन अभियान योजना की आज देशभर के साथ विदेशों में भी सराहना हुई है। यही वजह है कि राजस्थान में भूजल स्तर में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिली है। मुख्यमंत्री राजे की दूरदर्शी सोच के साथ शुरू किया गया एमजेएसए अभियान और कई पेजयल योजनाओं ने आज राजस्थान के लोगों को पानी की समस्या से मुक्ति दिलाई है। सरकार आगे भी घोषणा की गई पेयजल योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध नज़र आ रही है। आइये जानते हैं हाल ही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस बारे में क्या कहा है.. Water Department
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जलदाय विभाग की विभिन्न योजनाओं की सीएम राजे ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में अधिकारियों को पेयजल योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के फ्लोराइड प्रभावित और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना अति आवश्यक है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में आमजन वर्षा से साफ पानी के लिए तरस रहे हैं और उन्हें राहत पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। सीएम राजे ने मुख्यमंत्री कार्यालय में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी (जलदाय) विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए यह बात कही। Water Department
कार्यों में तेजी लाने के निर्देश, समय से पहले से उपलब्ध हो सकेगा पेयजल Water Department
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति की भी समीक्षा की गई। सीएम राजे ने पोकरण-फलसूंड परियोजना की प्रगति पर संतोष जाहिर किया और कहा कि इसके कार्यों में और अधिक तेजी लाई जानी चाहिए ताकि जैसलमेर और बाड़मेर के लोगों को तय समय से पहले से पेयजल उपलब्ध हो सके। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि नागौर लिफ्ट परियोजना के तहत डीडवाना के बाद अब परबतसर तक फ्लोराइड रहित पेयजल पहुंच गया है। Water Department
अगले माह के अंत तक लाडनूं, कुचामन, मकराना और डेगाना में भी इस परियोजना का पानी आ जाएगा। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने पोकरण-फलसूंड-बालोतरा-सिवाणा परियोजना, नागौर लिफ्ट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण, चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती और चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना के दूसरे चरण सहित अन्य पेयजल परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर एक प्रस्तुतिकरण दिया।
चार सालों में 8 हजार से अधिक गांव-ढाणियों को पेयजल उपलब्ध कराया
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना का तो इस क्षेत्र के लोग लगभग 10 वर्षां से इंतजार कर रहे हैं। अब जल्द ही लोगों को इस परियोजना के माध्यम से पानी मिल सकेगा। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि चम्बल-भीलवाड़ा परियोजना के दूसरे चरण का पानी जिले के कई कस्बों और गांवों तक पहुंचने लगा है।
उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में 8 हजार से अधिक गांव-ढाणियों को सतही स्रोत से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 11 हजार 338 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बैठक में जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव आयोजना अखिल अरोरा, विभाग के मुख्य अभियन्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।