#FactCheck : क्या वसुंधरा राजे का उद्बोधन प्रस्तावित था? जानिए क्या है कहानी!

प्रदेश इकाई की लापरवाही से राजे पर लगे ग़लत इल्ज़ाम।

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भाजपा राजस्थान की कार्यसमिति बैठक
प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा उपाध्यक्षा वसुंधरा राजे

राजस्थान भाजपा ने 14-15 जून को कोटा में कार्यसमिति बैठक रखी। बैठक का कार्यक्रम और फलो-चार्ट एक दिन पहले जारी किया गया। इस बैठक में प्रदेश के सभी दिग्गज – भाजपा उपाध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhara raje), नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान चुनाव प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं अन्य नेतागण उपस्थित रहे। 15 जून के दिन तीन सत्र प्रस्तावित थे जिनमें अलग-अलग गणमाननीय नेताओं का सम्बोधन रखा गया था। फलो-चार्ट के मुताबिक़ एक सत्र में वसुंधरा राजे का बोलना भी प्रस्तावित था। लेकिन सामने आया है कि वसुंधरा राजे बिना बोले ही बैठक से चली गयीं और तीसरे सत्र का हिस्सा नहीं बनीं। सामने आया है कि 2 घंटे पहले तक वसुंधरा राजे को नहीं दी गयी सम्बोधन की कोई सूचना।

क्या हुआ?

पार्टी सूत्रों के हवाले से यह ख़बर जारी की गयी कि प्रस्तावित सम्बोधन होने के बावजूद वसुंधरा राजे ने बोलने से इंकार कर दिया। जब मीडिया ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। गुलाब कटारिया ने कहा कि वसुंधरा जी ही सही जवाब दें सकेंगीं इस बारे में। अंत में वरिष्ठ नेता मुकेश दाधीच ने स्पष्टिकिरण देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी का भाषण प्रस्तावित नहीं था।। कार्यालय से सूचना मिली कि 2 घंटे पहले तक वसुंधरा राजे को नहीं दी गयी सम्बोधन की कोई सूचना।

असल बात निकलकर आयी . . .

सूत्रों और नेताओं के माध्यम से अलग-अलग बातें कहे जाने के कारण भाजपा कार्यालय द्वारा दी गयी सफ़ाई पर संदेह बनता गया। वास्तव में क्या हुआ? हर कोई यह जानना चाहता था। अंत में बात निकलकर आयी कि राजे के कार्यालय द्वारा भाजपा प्रदेश इकाई से लगातार पिछले कुछ दिनों से फ़ोन जा रहा था कार्यक्रम की सूचना माँगने के लिए। कार्यक्रम और फलो चार्ट आया तो विषय थोड़ी देर बाद भेजने की बात कही गयी। इसके बाद जब तक वह कोटा पहुँची उन्हें विषय बताने के लिए कोई फ़ोन नहीं किया गया।

भाजपा राजस्थान की कार्यसमिति बैठक
प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा उपाध्यक्षा वसुंधरा राजे

जब बैठक का पहला सत्र शुरू हुआ तब वसुंधरा राजे को सम्बोधन का विषय उपलब्ध कराया गया और 25 मिनट का समय उनके बोलने के लिए निर्धारित किया गया। अचानक और बिना तैयारी के बोलने के लिए कहे जाने पर वसुंधरा राजे ने सभा सम्बोधित करने से माना कर दिया और प्रभारी अरुण सिंह और अध्यक्ष सतीश पूनिया को लगातार पार्टी कार्यालय से सूचना माँगने के बावजूद नहीं मिलने की बात कही। ऐसे में उनका सम्बोधन रद्द किया गया और यही कारण रहा कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुप्पी साधी। क्योंकि सच्चाई बताते तो ग़लती सामने आ जाती। अब केंद्रीय नेतृत्व ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री से चूक कैसे और किससे हुई इस पर रिपोर्ट माँगी है।